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कैसे बनते हैं सोने के पत्थर? इस शोध में पता चल गया; दशकों से जवाब ढूंढ रहे थे वैज्ञानिक

एबीपी लाइव डेस्क   |  04 Sep 2024 04:35 PM (IST)
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वैज्ञानिकों ने अपनी खोज में इसका पता लगा लिया है कि भूकंप के कारण क्वार्ट्ज से बड़े-बड़े सोने के टुकड़े कैसे बनते हैं. इसे जानने के लिए कई सारे शोधकर्ता दशकों से लगे हुए हैं. प्राकृतिक रूप से सोना क्वार्ट्ज की चट्टानों से बनता है, जो दूसरा सबसे खास खनिज है.

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सोने के टुकड़े क्वार्ट्ज की चट्टानों में आने वाली दरारों में तैरते हैं, जिसे भूविज्ञानी क्वार्ट्ज नसें कहते हैं. नेचर जियोसाइंस जनरल ने बीते सोमवार इसी से जुड़ा एक अध्ययन प्रकाशित किया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया में मोनाश यूनिवर्सिटी के भू वैज्ञानिक क्रिस वोइसी ने बताया कि क्वॉड की चट्टानों में सोना हर समय बनता रहता है. यानी की इनमें सोने की एक बड़ी डली बनती है.

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क्रिस का कहना था कि वह नहीं जानते थे कि ये कैसे काम करता है और इतनी छोटी जगह पर इतने बड़े सोने के टुकड़े कैसे बन सकते हैं. उन्होंने बताया कि हाइड्रोथर्मल तरल पदार्थ सोने के परमाणुओं को गहराई से ऊंचाई की ओर ले जाते हैं और नसों के जरिए तैरते हैं.

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इससे यह पता चलता है कि सोने को एक जगह से केंद्रित होने की बजाय दरारों में समान तरीके से अपनी जगह बनानी चाहिए.

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क्रिस बताया कि दो ऐसी चीजें मिली हैं, जिन्होंने इस रहस्य को सुलझाने में उनकी और उनके सहयोगियों की मदद की है. क्रिस ने बताया कि सोने की डलियां उन स्थानों पर बनती हैं, जहां पर भूकंप आते हैं. भूकंप इन चट्टानों को तोड़ देते हैं.

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क्वार्ट्ज को पीजोइलेक्ट्रिक कहा जाता है. यानी कि जैसे ही भूकंप आएगा उस समय ये एक इलेक्ट्रिक चार्ज पैदा करता है.

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हाइड्रोथर्मल पावर ऊपर चढ़ने लगता है और तभी इलेक्ट्रिक चार्ज तरल पदार्थ को ठोस सोने बनाने लगता है और वह एक जगह पर इकट्ठा हो जाते हैं, जिससे सोने की डली बन जाती है और एक दूसरे में चिपक जाती है.

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जब एक छोटी डाली बनती है तो वह और भी सोने को अपनी और अट्रैक्ट करती है और हर बार भूकंप के साथ यह बड़ी होती जाती है. क्रिस ने बताया कि अब तक सबसे बड़ी डली 60 केजी की थी.

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