Mulayam Singh yadav ने इस दोस्त के कहने पर बनाई थी समाजवादी पार्टी, फिर टूट गई थी दोस्ती
मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के फाउंडर हैं. उन्होंने मोहन सिंह और जनेश्वर मिश्र जैसे बड़े समाजवादी नेताओं के साथ मिलकर 4 अक्टूबर 1992 को लखनऊ में समाजवादी पार्टी का गठन किया था.
मुलायम सिंह ने समाजवादी जनता दल से निकल अपनी अलग पार्टी बनाना का फैसला अपने राजनीतिक मित्र और बसपा के संस्थापक कांशीराम के सुझाव के बाद लिया था.
दरअसल साल 1991 के उपचुनाव में कांशीराम इटावा से लोकसभा चुनाव लड़े और जीते थे. यह क्षेत्र मुलायम सिंह यादव का गढ़ माना जाता रहा है. यहीं पर कांशीराम और मुलायम की दोस्ती हुई और प्रगाढ़ हुई.
तब एक इंटरव्यू में कांशीराम ने कहा था कि अगर मुलायम सिंह यादव उनके साथ आ जाएं तो तो सभी विरोधी दलों का किला ध्वस्त हो जाएगा. इस बात से मुलायम काफी प्रभावित हुए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस इंटरव्यू के कुछ महीनों बाद मुलायम सिंह कांशीराम से मिलने दिल्ली गए. वहां पर कांशीराम ने उनसे कहा कि क्यों न आप अलग दल बना लें.
दिल्ली से लौटते ही उन्होंने इस पर काम शुरू किया और 4 अक्टूबर 1992 को इस तरह से सपा का गठन हुआ और बसपा ने गठबंधन कर लिया. 1993 में मुलायम सीएम बन गए.
लेकिन मुलायम और कांशीराम की ये दोस्ती ज्यादा दिन न चल सकी. जून 1995 में लखनऊ गेस्ट हाउस कांड के बाद दोनों की दोस्ती टूट गई.