Special Status: आंध्र प्रदेश और बिहार की अब पूरी होंगी आस? TDP-JDU BJP के 'पास', फोकस में फिर आए ये पेंडिंग मामले हैं खास
अंग्रेजी अखबार 'दि इंडियन एक्सप्रेस' में छपे 'डेल्ही कॉन्फिडेंशियल' कॉलम के मुताबिक, टीडीपी की ओर से एनडीए सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाने के साथ आंध्र प्रदेश के सभी पेंडिंग मामले फोकस में आ गए हैं.
एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी लंबे समय से आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करती आई है. 'स्पेशल स्टेटस' के अलावा सूबे से संबंधित कुछ कम महत्वपूर्ण मुद्दे भी इस दौरान सुर्खियों में छाए हुए हैं.
उदाहरण के तौर पर शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ने पिछले साल विशाखापत्तनम में क्षेत्रीय केंद्र बंद कर दिया था. अब लोग सोच रहे हैं कि क्या विशाखापत्तनम केंद्र फिर से खोला जाएगा?
लोकसभा चुनाव 2024 में सीटों के लिहाज से भारतीय जनता पार्टी भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो लेकिन वह अपने दम पर बहुमत (272 सीटें) हासिल करने में नाकामयाब रही. बीजेपी के हिस्से सिर्फ 240 सीटें आईं.
बीजेपी के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) के तहत आने वाली तेलुगु देसम पार्टी (टीडीपी) को आंध्र प्रदेश में 16 सीटें मिली हैं और जनता दल (यूनाइटेड) यानी कि जेडी(यू) ने बिहार में कुल 12 सीटें पाई हैं.
एन चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडी(यू) आम चुनाव में ठीक-ठाक सीटें हासिल करने की वजह से किंगमेकर से कम नहीं मानी गईं. सियासी गलियारों में यह भी चर्चा थी कि अगर वे समर्थन ले लें तो क्या होगा?
आंध्र प्रदेश के साथ बिहार को भी स्पेशल स्टेटस की दरकार (विभाजन के चलते पनपी आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए) है. वह लंबे समय से इसकी मांग कर रहा है. यह श्रेणी पांचवें आयोग के तहत 1969 में लाई गई थी.