Election Issues In Dhubri: चांद तक पहुंचा भारत, लेकिन इस इलाके में आज भी नहीं है कोई सड़क, न नदी पार करने के लिए है पुल, देखें तस्वीरें
दरअसल, ये वो इलाके हैं जो नदी के बीच में बसे हैं. धुबरी के चर इलाके में 100 से ज़्यादा गांव बसे हैं. इन गांवों में रहने वाले लोगों को धुबरी शहर जाने के लिए नाव का इस्तेमाल करना पड़ता है.
सुबह के समय स्कूली बच्चे भी नाव से एक किनारे से दूसरे किनारे आते हैं और फिर अपने स्कूल पहुंचते हैं.
धुबरी शहर से थोड़ी दूरी पर गदाधर नदी है, जो ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है. इस नदी के बीच में कई गांव बसे हैं. ये छोटे-छोटे नदी द्वीप जैसे हैं. इस इलाके को चर इलाका कहा जाता है.
नदी के द्वीप और धुबरी शहर के बीच नाव का किराया प्रति व्यक्ति 5 रुपये है. हर दिन हजारों लोग चर इलाके के किनारों से धुबरी शहर के किनारों तक इन नावों से यात्रा करते हैं. इनमें स्कूली बच्चे भी शामिल हैं जो स्कूल जाते हैं.
धुबरी में 7 मई को चुनाव होने हैं. इस दौरान सभी राजनेता अलग-अलग इलाकों में जाकर लोगों की समस्याओं को हल करने का वादा कर रहे हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चर इलाके के स्थानीय निवासियों ने नेताओं से परिवहन व्यवस्था दुरुस्त करने की शर्त रखी है.
लोगों का कहना है कि अगर नदी पर पुल बन जाए तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता. स्कूली बच्चों के अभिभावकों ने कहा, जब बरसात के मौसम में नदी का जलस्तर बढ़ जाता है तो उस समय नाव नहीं चलती और ऐसे समय में बच्चों को घर पर रहकर पढ़ाई करनी पड़ती है. वे अपने स्कूल नहीं जा पाते. मेडिकल इमरजेंसी के दौरान भी काफी दिक्कत होती है.”