Lok Sabha Speaker: न आडवाणी, न सोनिया गांधी... अब तक बने 12 नेता प्रतिपक्ष में से कितने बन पाए प्रधानमंत्री?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार (26, जून) को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सदन में नेता प्रतिपक्ष के रूप में आधिकारिक रूप से मान्यता दे दी है. लोकसभा सचिवालय की अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है. राहुल गांधी का नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नौ जून, 2024 से प्रभावी रहेगा.
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने मंगलवार (25, जून) को लोकसभा के कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) भर्तृहरि महताब को पत्र भेज कर कांग्रेस के इस फैसले के बारे में उन्हें अवगत कराया था कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष होंगे. बिरला बुधवार को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष निर्वाचित हुए. इसके बाद उन्होंने राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता दी.
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष को आमतौर पर प्रधानमंत्री का दावेदार माना जाता है. पिछले 10 साल से ये पद विपक्ष के किसी भी नेता के पास नहीं था. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि विपक्ष की पार्टी के पास लोकसभा में उतनी सीटें नहीं थी, जिसके चलते नेता प्रतिपक्ष का पद किसी को मिल सके.
देश के आजाद होने के 22 साल बाद यानी 1969 में पहली बार नेता प्रतिपक्ष चुना गया. कांग्रेस में दो फाड़ होने की वजह से कांग्रेस (ऑर्गेनाइजेशन) नाम के दल को मान्यता मिली. बिहार के बक्सर के सांसद राम सुभाग सिंह कांग्रेस (ऑर्गेनाइजेशन) का हिस्सा थे, जिसके बाद वह पहली बार नेता प्रतिपक्ष चुने गए.
1969 के बाद से 2024 तक लगभग 12 नेता प्रतिपक्ष बने हैं, जिनमें लालकृष्ण आडवाणी तीन बार, अटल बिहारी वाजपेयी और यशवंत राव चव्हाण को दो-दो बार नेता प्रतिपक्ष का पद मिला.
इसके अलावा जगजीवन राम, सीएम स्टीफन, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, शरद पवार, सुषमा स्वराज को नेता प्रतिपक्ष का पद मिला है.
लोकसभा में 12 नेता प्रतिपक्षों में से सिर्फ तीन नेता ही भारत के प्रधानमंत्री बन पाए है. जिनमें राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव पहले देश के पीएम बने, इसके बाद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाली.
राजीव गांधी 18 दिसंबर 1989 से 23 दिसंबर 1990 तक नेता प्रतिपक्ष रहे. उस समय देश के प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह थे.
पीवी नरसिम्हा राव 16 मई 1996 से 31 मई 1996 तक इस पद पर रहे. उस समय पीएम अटल बिहारी वाजपेयी थे.
वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी 21 जुलाई 1993 को नेता प्रतिपक्ष बने थे. उस समय देश के प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव थे. हालांकि, बाद में दो और बार अटल बिहारी वाजपेयी ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी.