Indira Gandhi Arrest: 7 दिनों बाद तिहाड़ से रिहा हुई थीं इंदिरा गांधी, तस्वीरों में देखें आखिर क्यों पूर्व प्रधानमंत्री को जाना पड़ा जेल
आज 25 दिसंबर है. भारत के इतिहास में यह तारीख बहुत खास है क्योंकि आज ही के दिन भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ था. अटल जैसी शख्सियत ने इस देश में परस्पर विरोध की राजनीति के बावजूद शिष्टाचार का जो उदाहरण पेश किया था वह हमेशा सराहनीय रहा है.
उन्होंने ही देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके कठोर फैसलों की वजह से दुर्गा कहकर संबोधित किया था. उसी इंदिरा गांधी को 7 दिनों तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में जाना पड़ा था. 26 दिसंबर 1978 वह तारीख थी जब 19 दिसंबर की गिरफ्तारी के हफ्ते भर बाद इंदिरा जेल से छूटी थीं.
आखिर 19 दिसंबर 1978 को क्या हुआ था? 1977 के आपातकाल के बाद हुए चुनाव में जनता पार्टी को जीत मिली और मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री बने. नई सरकार में इंदिरा गांधी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग उठी.
सरकार पर दबाव था कि आपातकाल लगाने के लिए इंदिरा गांधी को सबक सिखाया जाए. तब 19 दिसंबर 1978 को इंदिरा गांधी को लोकसभा से निलंबित कर दिया करके गिरफ्तार किए जाने का प्रस्ताव पारित हुआ.
संसद में प्रस्ताव पारित हो जाने के बाद इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी तय थी. हालांकि, इंदिरा सदन से नहीं हिलीं. आखिरकार रात में लोकसभा अध्यक्ष ने गिरफ्तारी का आदेश जारी किया.
स्पीकर के आदेश पर तत्कालीन सीबीआई ऑफिसर एनके सिंह संसद भवन पहुंचे. तब इंदिरा बिना ना-नुकुर संसद भवन के उसी दरवाजे से निकलीं जिससे वो बतौर प्रधानमंत्री निकला करती थीं.
उन्हें गिरफ्तार करके सीधे तिहाड़ जेल ले जाया गया जहां उन्हें सात दिन रखा गया. इस दौरान पूरे देश में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जमकर आंदोलन किया था. जगह जगह रैलियां निकाली गई थीं. खास तौर पर दिल्ली में प्रदर्शन हुए थे.
इंदिरा जब 1980 में फिर से प्रधानमंत्री बनीं तो एनके सिंह को सीबीआई से निकाल दिया गया था. इंदिरा के बेटे संजय गांधी को भी एक मामले में सिंह ने ही गिरफ्तार किया था.
इंदिरा गांधी 1966 से 1977 तक लगातार तीन बार देश की प्रधानमंत्री रहीं. 1980 में चौथी बार इस पद पर पहुंचीं. 1984 में उनकी हत्या कर दी गई थी.