Igla S Air Defence System: पलक झपकते ही तबाह हो जाएंगे दुश्मन के जेट, हवा में पाकिस्तान-चीन के पसीने छुड़ाएगी भारत में बनी ये मिसाइल
रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के मुताबिक, इमरजेंसी खरीद के हिस्से के रूप में मौजूदा ऑर्डर 2021 में बनाए गए 24 लॉन्चर और 216 मिसाइलों की तुलना में बड़ा है.
पिछले साल नवंबर 2023 में भारत ने रूस के साथ 120 लॉन्चर और 400 मिसाइलों के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किया था. इसके तहत भारत को रूस से पहली खेप मिल गई है.
अब आगे ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलजी के तहत बाकी सिस्टम को रूस की मदद से देश के अंदर ही एक भारतीय कंपनी की ओर से बनाए जाएंगे.
इग्ला-एस की क्षमताओं की बात करें तो यह एक हाथ से पकड़ी जाने वाली रक्षा इग्ला-एस प्रणाली है जिसे चालक दल या एक व्यक्ति के जरिये ऑपरेट किया जा सकता है.
इग्ला-एस को विशेष रूप से कम उड़ान वाले विमानों को नीचे मार गिराने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह ड्रोन और क्रूज़ मिसाइलों जैसे हवाई लक्ष्यों की पहचान और उन्हें बेअसर कर सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सिस्टम में एक 9M342 मिसाइल, एक 9V866-2 मोबाइल परीक्षण स्टेशन, एक 9P522 लॉन्चिंग मैकनिज्म और एक 9F719-2 टेस्टिंग सेट शामिल है. ये सभी एक व्यापक एयर डिफेंस सॉल्यूशन प्रदान करने की दिशा में काम करते हैं.
यह मिसाइल 2266 km/hr की स्पीड से अधिकतम 11 हजार फीट तक जा सकती है. नई इग्ला-एस हैंड-हेल्ड एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल भारतीय सेना में शामिल पुरानी इग्ला मिसाइल को बदलेगी. पुरानी इग्ला मिसाइल 1990 के दशक में सेना में शामिल की गई थी.
ये सिस्टम देश की उत्तरी सीमा पर ऊंचे पहाड़ी इलाकों में नई वायु रक्षा संरचनाओं के लिए हैं. सूत्रों ने बताया कि एक रेजिमेंट को ये प्रणालियां पहले ही मिल चुकी हैं, जबकि डील आगे बढ़ने पर और भी ऐसे सिस्टम मिलेंगे.
VSHORADs के लिए प्रस्ताव का अनुरोध (RFP) 2010 में जारी किया गया था जब केंद्र में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सत्ता में थी, जिसके बाद चयन प्रक्रिया शुरू हुई थी.