SAMAR-2: भारत ने पुरानी रूसी मिसाइल से बना डाला 'अग्निबाण', उड़ जाएगी पाकिस्तान-चीन की नींद
समर मिसाइल ट्रक से लॉन्च होती है. इसकी स्पीड 2982 km/hr की है. यानी पलक झपकते ही दुश्मन के टारगेट को हिट कर सकती है. SAMAR का पूरा नाम Surface-to-air missile for Assured Retaliation है.
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View In Appसमर अपनी स्पीड से दुश्मन के फाइटर जेट या हेलिकॉप्टर को आसानी से टारगेट कर सकती है. वायुसेना की BRD यूनिट इसका संचालन करती है. समर एयर डिफेंस सिस्टम में दो तरह की मिसाइलों को लगाया जा सकता है. मिसाइल की रेंज 12-40 KM है.
SAMAR सिस्टम में SAMAR-1 और SAMAR-2 दो तरह की मिसाइलें इस्तेमाल होती हैं. समर-1 कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इसकी रेंज 10-12 किलोमीटर है. जबकि वहीं, समर-2 की रेंज 20 किलोमीटर है.
SAMAR-1 का वजन 105 किलोग्राम, लंबाई 9.7 फीट, व्यास 6.5 इंच और इसमें 7.4 kg का वॉरहेड लगता है. जबकि SAMAR-2 का वजन 253 kg है. यह समर-1 तुलना में ज्यादा लंबी है. इसकी लंबाई 13.4 फीट है. इसमें 39 kg का वॉरहेड लगा है.
दोनों मिसाइलों को लॉन्च करने वाले ट्रक भी अलग अग हैं. समर-1 के लिए अशोक लीलैंड स्टैलियन 4x4 ट्रक का इस्तेमाल होता है. जबकि समर-2 के लिए बीईएमएल टाट्रा टी815 8x8 ट्रक इस्तेमाल होता है.
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के रखरखाव कमान के प्रमुख एयर मार्शल विभास पांडे ने एएनआई से बातचीत में कहा कि स्वदेशी रूप से विकसित ये एयर डिफेंस सिस्टम बताया है कि कैसे इंडियन एयरफोर्स चलन से बाहर हुईं मिसाइलों को प्रभावी इस्तेमाल में लाता है.
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