2.3 KM लंबाई, 979 करोड़ लागत... जानिए द्वारका जाने वाले श्रद्धालुओं को कैसे लाभ देगा गुजरात का सुर्दशन सेतु
गुजरात में देश के सबसे लंबे केबल-आधारित ब्रिज 'सुदर्शन सेतु' से कनेक्टिविटी और पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
पीएम मोदी ने इसे एक अद्भुत प्रोजेक्ट बताया और कहा कि इसका उद्घाटन गुजरात के विकास पथ के लिए एक खास दिन था.
अरब सागर पर बना पुल गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में बेट द्वारका द्वीप को मुख्य भूमि ओखा से जोड़ता है. चार लेन वाला केबल आधारित पुल 'सुदर्शन सेतु' को एक इंजीनियरिंग चमत्कार माना जा रहा है.
इसकी कुल लंबाई 4.7 मीटर है, जिसमें 2.32 किलोमीटर लंबा पुल और 2.45 किलोमीटर लंबी एप्रोच रोड शामिल है.
पुल का डेक कंपोजिट स्टील-रिइनफोर्स्ड कंक्रीट से बना है जिसमें 900 मीटर का सेंट्रल डबल स्पैन कैबल स्टैंड वाला हिस्सा शामिल है. 27.20 मीटर चौड़े इस पुल के दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं.
978 करोड़ रुपये की लागत से इस पुल का निर्माण किया गया जिसकी आर्थिक सहायता केंद्र सरकार ने की.
इस पुल को पहले 'सिग्नेचर ब्रिज' के नाम से जाना जाता था जो अब बदलकर 'सुदर्शन सेतु' कर दिया गया है.
इस पुल को पहले 'सिग्नेचर ब्रिज' के नाम से जाना जाता था जो अब बदलकर 'सुदर्शन सेतु' कर दिया गया है.
बेत द्वारका में भगवान कृष्ण के प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन के लिए भक्त पहले नाव में सवार होकर सिर्फ दिन में ही पहुंचत सकते थे लेकिन अब इस सेतु के बनने से भक्त किसी भी समय मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं.