Chandrayaan 3: चंद्रमा की सतह के नीचे छिपा बर्फ का रहस्य, चंद्रयान-3 के डेटा से बड़ा खुलासा, अहम संकेत
अहमदाबाद स्थित फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी के वैज्ञानिक दुर्गा प्रसाद करणम के अनुसार चंद्रमा की सतह पर तापमान में बड़े और स्थानीय स्तर पर परिवर्तन होते हैं जो सीधे बर्फ के निर्माण को प्रभावित कर सकते हैं. ये अध्ययन बताता है कि चंद्रमा पर मौजूद बर्फ कणों के अध्ययन से उनके उद्गम और विकास की अलग-अलग कहानियां सामने आ सकती हैं.
रिसर्चर्स का मानना है कि समय के साथ चंद्रमा की सतह पर बर्फ कैसे जमा हुई, इसे समझने से चंद्रमा की जियोलॉजिकल प्रोसेस पर प्रकाश डाला जा सकता है. ये निष्कर्ष ‘कम्युनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरनमेंट’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से बेंगलुरु से प्रोजेक्टेड चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की थी. 26 अगस्त को इस लैंडिंग स्थल का नाम ‘शिव शक्ति पॉइंट’ रखा गया था.
इस खोज पर वैज्ञानिकों का मानना है कि ये चंद्रमा के विकास और उसकी संरचना को समझने में अहम कदम साबित हो सकता है. आने वाले समय में इस दिशा में और रिसर्च किए जाएंगे जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण में नई संभावनाएं खुल सकती हैं.
वैज्ञानिकों का मानना है कि वर्तमान रिसर्च के आधार पर चंद्रमा पर अतीत में रहने योग्य परिस्थितियां मौजूद नहीं थी. इसका मतलब है कि चंद्रमा पर जीवन के लिए अनुकूल वातावरण नहीं था.
चंद्रमा की सतह के नीचे मौजूद बर्फ की ये खोज भविष्य के चंद्र मिशनों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है. इससे आगे के अंतरिक्ष अभियानों के लिए संसाधनों की संभावनाएं बढ़ेंगी और अंतरिक्ष में पानी की उपलब्धता पर नए रिसर्च किए जा सकेंगे.