Baba Siddique Shot Dead: अगर ये नहीं होता तो बच जाती बाबा सिद्दीकी की जान! जानें कहां हो गई चूक
बाबा सिद्दीकी और जीशान सिद्दीकी रात 9 बजे तक अपने बांद्रा खेरवाड़ी स्थित कार्यालय में थे. उसी समय उन पर गोलीबारी शुरू हो गई.
दोनों करीब 9:30 बजे एक साथ घर जाने वाले थे, लेकिन अचानक जीशान सिद्दीकी को फोन आया तो वो खेरवाड़ी जाने के लिए ऑफिस से निकल गए. जीशान सिद्दीकी के निकलने के ठीक पांच मिनट बाद बाबा सिद्दीकी हमेशा की तरह अपने कार्यकर्ताओं से मिलते हुए बाहर निकले.
बाबा सिद्दीकी की कार ऑफिस से 100 मीटर की दूरी पर खड़ी थी. लोगों से मिलते समय बाबा सिद्दीकी की कार पास ही थी कि अचानक बम फटने की आवाज सुनाई पड़ी.
दुर्गा पूजा का उत्सव होने के कारण, कार्यकर्ताओं को लगा कि किसी ने पटाखे जलाए हैं, लेकिन जब देखा तो आस-पास कहीं कोई माता की मूर्ति नजर नहीं आई. इसके बाद सब अलर्ट हो गए. अगर कोई आम दिन होता तो कार्यकर्ता अलर्ट होते और इस हादसे को पहले ही रोक देते.
बम के फटने से आस-पास के क्षेत्र में धुआं-धुआं हो गया और गोली की आवाज आई. धुएं के कारण लोगों को खांसी आने लगी और आंखों में भी प्रॉब्लम होने लगी. कुछ देर तक किसी को समझ नहीं आया कि आखिर करना क्या है.
जैसे ही कार्यकर्ता कार के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि तीन लोग वहां से भाग रहे थे और बाबा सिद्दीकी खून से लथपथ थे. आस-पास धुआं होने के कारण गोली चलाने वाले की पहचान न हो सकी.
इस घटना के बाद एक कार्यकर्ता ने तुरंत बाबा सिद्दीकी को कार में बैठाया और पास के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था.