जानें क्यों मेघनगर कस्बे के लोगों को कर रहा है पूरा देश सलाम!
मेघनगर कस्बे के इस खास लंगर को राम-रोटी अणु दरबार के नाम से जाना जाता है. इस कस्बे के कुछ लोगों ने पिछले साल जनवरी से इस लंगर की शुरूआत की. गरीबों की मदद करने के मकसद से इन लोगों ने मानव पुण्यार्थ समिति बनाई औऱ उसी के तहत इलाके के जरूरतमंद और बेसहारा लोगों को नियमित तौर पर खाना खिलाने की परंपरा शुरू की.
करीब एक दर्जन लोगों ने मिलकर रामरोटी लंगर की शुरूआत की थी. इसके लिए इन लोगों ने चंदा जुटाकर पैसा इकट्ठा किया. इसके बाद लोग अपनी मर्जी से इस लंगर के लिए दान देने लगे. इसी वजह से पिछले डेढ़ साल में यहां अब तक 25 हजार से ज्यादा गरीब और बेसहारा लोग खाना खा चुके हैं.
अपने शहर मे कोई भूखा ना सोये ओर अपने शहर मे जरुरत मंदो को भोजन देना यह हर भारतीय की जिम्मेदारी है इसी सोच के साथ मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल झाबुआ के मेघनगर कस्बे में कुछ लोगो ने मानव पुन्यार्थ समिति बनाई ओर एक स्थान पर राम रोटी - अणु दरबार योजना करीब डेढ साल पहले शुरु की . आज यह संस्था इस आदिवासी अंचल में अब तक 25 हजार जरुरत मंदो को भोजन करवा चुकी है. आगे जानिए इस दिल को छू लेने वाली कहानी के बारे में!
राम रोटी कां संचालन करने वालों के मुताबिक रोज दोपहर 12 बजे यहां गरीबों और फकीरों को ताजा और गरमागरम खाना खिलाया जाता है. इसके लिए सुबह 9 बजे से तैयारियां शुरू हो जाती है. महिलाओँ का एक समूह अपनी मर्जी से इस काम में हाथ बंटाता है. रोजाना करीब 40 से 50 लोग यहां खाना खाते हैं.
खाना शुरू करने से पहले भजन होता है और सब लोग ईश्वर को धन्यवाद देते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि यहां आने वालों में किसी एक धर्म के लोग हों. सभी धर्मों के लोगों को यहां समान भाव से खाना खिलाया जाता है.
ये वो लोग हैं जिन्हें कितनी ही बार खाली पेट सोना पड़ता था. खाने की थाली तो दूर अपने लिए सूखी रोटी का इंतजाम करना भी इनके लिए आसान नहीं था. इनमें से कुछ ऐसे हैं जिनका इस दुनिया में कोई नहीं तो कुछ ऐसे - जिनके अपनों ने ही उनका साथ छोड़ दिया. मध्यप्रदेश में झाबुआ जिले के मेघनगर कस्बे के ऐसे तमाम लोगों को यहां रोज इसी तरह खाना खिलाया जाता है.