Best sleeping positions: सोने की पोजिशन से कैसे पता चलता है आपका स्वभाव और सेहत, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
फेटल पोजिशन में सोना यानी घुटनों को मोड़कर तकिए को गले लगाना, सबसे आम पोजिशन मानी जाती है. इस मुद्रा में सोने वाले लोग आमतौर पर संवेदनशील, भावुक और अपनापन रखने वाले होते हैं. बाहर से भले ही सख्त दिखें, लेकिन अंदर से बहुत नरम दिल होते हैं. यह पोजिशन खर्राटे कम करती है और कमर दर्द में राहत देती है, इसलिए यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होती है. हालांकि, अगर शरीर बहुत ज्यादा सिकुड़ जाए तो सांस लेने में परेशानी हो सकती है.
लॉग पोजिशन, यानी करवट लेकर सीधा लेट जाना और हाथ नीचे रखना, ऐसे लोगों की पहचान बताती है जो भरोसेमंद, मिलनसार और शांत स्वभाव के होते हैं. इस मुद्रा में सोने से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और शरीर का वजन बराबर बंटता है. लेकिन अगर तकिया सही न हो, तो गर्दन में अकड़न या हाथों में झनझनाहट हो सकती है.
यर्नर पोजिशन में सोने वाले लोग करवट लेकर अपने दोनों हाथ आगे की ओर फैलाते हैं. ऐसे लोग सोच-समझकर फैसला लेने वाले होते हैं, लेकिन एक बार ठान लें तो पीछे नहीं हटते. यह पोजिशन पाचन को बेहतर बनाती है और एसिडिटी की समस्या से राहत देती है, खासकर अगर आप लेफ्ट करवट सोते हैं. हालांकि, लंबे समय तक हाथों को फैलाकर सोने से कंधों पर दबाव बढ़ सकता है.
सोल्जर पोजिशन, यानी पीठ के बल सीधा लेटकर सोना, उन लोगों की पहचान बताती है जो अनुशासित, जिम्मेदार और आत्मनियंत्रित होते हैं. यह पोजिशन रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट देती है और शरीर के दबाव बिंदुओं को संतुलित रखती है. हालांकि, इस मुद्रा में खर्राटे बढ़ सकते हैं या नींद के दौरान सांस लेने में परेशानी हो सकती है.
स्टारफिश पोजिशन में सोने वाले लोग अपने हाथ सिर के पास फैला लेते हैं. इन्हें आमतौर पर अच्छे सुनने वाले और वफादार दोस्त कहा जाता है. यह मुद्रा शरीर के किसी एक हिस्से पर दबाव नहीं डालती और आराम देती है, लेकिन इससे एसिडिटी या खर्राटों की समस्या बढ़ सकती है.
वहीं फ्रीफॉल पोजिशन, यानी पेट के बल सोकर तकिए को गले लगाना और सिर को एक तरफ मोड़ लेना, देखने में भले ही आरामदायक लगे, लेकिन यह गर्दन और पीठ के लिए नुकसानदायक मानी जाती है. इस मुद्रा में सोने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ता है और अक्सर सुबह उठने पर अकड़न महसूस होती है.
स्पूनिंग पोजिशन, जिसमें कपल्स एक-दूसरे के पास करवट लेकर सोते हैं, प्यार और भरोसे का प्रतीक मानी जाती है. यह न सिर्फ मानसिक शांति देती है, बल्कि शरीर में ऑक्सिटोसिन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ाती है, जिससे तनाव कम होता है और मूड अच्छा रहता है. हालांकि, पार्टनर की हरकतों के कारण नींद बार-बार टूट सकती है.
कुछ लोग रात भर करवटें बदलते रहते हैं, जिन्हें 'टॉस एंड टर्न स्लीपर्स' कहा जाता है. ऐसा अक्सर तनाव, चिंता या असुविधाजनक गद्दे की वजह से होता है. लगातार करवट बदलने से नींद गहरी नहीं होती, जिससे अगले दिन थकान और ध्यान की कमी महसूस होती है.
एक्सपर्ट के अनुसार, आपकी सोने की पोजिशन के साथ-साथ गद्दा और तकिया भी बहुत जरूरी भूमिका निभाते हैं. करवट लेकर सोने वालों के लिए मीडियम-फर्म गद्दा और घुटनों के बीच तकिया सबसे अच्छा होता है. पीठ के बल सोने वालों को ऐसा तकिया इस्तेमाल करना चाहिए जो सिर और गर्दन को सीधा रखे, जबकि पेट के बल सोने वालों के लिए पतला या बिना तकिए का विकल्प बेहतर होता है.