बेहद खूबसूरत हैं भारत के 5 रेल रूट, लेकिन हादसों के लिए बदनाम
कोरापुट–विशाखापट्टनम रूट ओडिशा और आंध्रप्रदेश के पहाड़ी व जंगल क्षेत्रों से होकर गुजरता है. यहां नक्सली गतिविधियों, ट्रैक पर भारी पत्थर गिरने और मालगाड़ियों के पटरी से उतरने जैसी घटनाएं पहले हो चुकी हैं.
कालका–शिमला रूट हिमाचल प्रदेश में 96 किलोमीटर लंबा यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है. बरसात में लैंडस्लाइड, ट्रैक पर फिसलन और पुराने पुलों पर पानी आने से हादसों का खतरा बढ़ जाता है.
कुर्सियांग–दार्जिलिंग रूट अपनी ऐतिहासिक टॉय ट्रेन के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, लेकिन ट्रैक के साथ-साथ सड़क होने के कारण गाड़ियों से टक्कर और घना कोहरा दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बनता है.
मेटुपालयम–ऊटी नीलगिरी माउंटेन रेलवे हरे-भरे जंगलों और पहाड़ों से होकर गुजरता है. यहां तेज ढलान, पुराने मोड़ और जर्जर ट्रैक के कारण डिब्बों के पटरी से उतरने की घटनाएं हो चुकी हैं.
चेन्नई से रामेश्वरम जाने वाला रेल रूट दुनिया के सबसे खतरनाक और रोमांचक ट्रैक्स में गिना जाता है. इस रूट पर स्थित पंबन ब्रिज हिंद महासागर के ऊपर बना है. यह पुल खास तौर पर तब बेहद जोखिम भरा है. भारी बारिश से ट्रैक पर पानी भरना, मिट्टी खिसकना और पत्थरों का गिरना ट्रेन के लिए बड़ा खतरा है.
इन सभी रूट्स पर हादसों की वजह में पुराने ट्रैक और इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीकी खराबी, खराब मौसम, पहाड़ी क्षेत्रों में लैंडस्लाइड और मानवीय लापरवाही शामिल हैं.
यात्रियों को इन रूट्स पर सफर करते समय मौसम और सुरक्षा निर्देशों पर ध्यान देना चाहिए, वहीं रेलवे को समय-समय पर ट्रैक और ट्रेन की जांच व मरम्मत करनी चाहिए ताकि सफर सुरक्षित और यादगार बन सके.