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नटराज शिव का तांडव नृत्य, ब्रह्मांडीय रहस्य और विज्ञान का अद्भुत संगम!
Importance of Natraj: नटराज की मूर्ति शिव का प्रतीक होती है. शिव जी का तांडव नृत्य करता नटराज रूप सृष्टि की उत्पत्ति, संरक्षण और विनाश का भी प्रतीक है. जानिए इसके महत्व के बारे में.
नटराज का महत्व
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नटराज भगवान शिव का रूप है, जो तांडव नृत्य करता है. यह नृत्य सृष्टि की उत्पत्ति, संरक्षण और विनाश का प्रतीक कहा जाता है.
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शिवजी का रूप कहे जाने वाले नटराज के एक हाथ में डमरू और दूसरे हाथ में अग्नि होती है. डमरू से सृष्टि की ध्वनि निकलती है, जबकि अग्नि विनाश और पुनर्जन्म का प्रतीक होती है.
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नटराज की मूर्ति को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि शिवजी ने एक बौने राक्षस को पैरों तले दबा रखा है, जिसे अज्ञानता का प्रतीक माना जाता है. यह ज्ञान और चेतना के रहस्य का भी प्रतीक है.
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नटराज की नृत्य करती मुद्रा को ब्रह्मांड की निरंतर गति और बदलाव का संकेत भी माना जाता है. यह बताता है कि सृष्टि हमेशा परिवर्तनशील और गतिशील है.
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नटराज मूर्ति धार्मिक महत्व के साथ वैज्ञानिक नजरिए से भी अहम है. CERN जैसे विज्ञान संस्थानों में भी यह ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक बन चुका है.
Published at : 23 Jul 2025 09:00 AM (IST)
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