क्या है डेल्युजनशिप? क्यों डालता है ये मेंटल हेल्थ पर बुरा असर
अगर व्यक्ति लंबे समय तक इस स्थिति में रहता है तो व्यक्ति यह स्वीकार नहीं कर पाता कि वह सपने देख रहा है. उसके सपने उसके लिए असली जीवन की तरह लगते हैं.
यदि कोई व्यक्ति इस स्थिति में लंबे समय तक रहता है, तो उसके लिए असली जीवन को स्वीकार करना काफी कठिन हो सकता है. दूसरे व्यक्ति से प्रेम न मिलने के कारण तनाव और चिंता बढ़ सकती हैं.
अगर दूसरा व्यक्ति किसी के करीब जाता है, तो ईर्ष्या की भावना बढ़ सकती है. इस स्थिति में व्यक्ति अधिक सोचने लगता है और दूसरे व्यक्ति को प्राप्त करने का प्रयास में गलत कदम भी उठा सकता है.
ऐसे में इंसान के लिए असल जिंदगी और सपनों में अंतर समझना मुश्किल हो जाता है. यह शुरुआत में कठिन हो सकता है, लेकिन यह लंबे समय में आपके मानसिक स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान से बचा सकता है.
साथ ही अपने क्रश से अपनी भावनाओं के बारे में जरूर बात करें, ताकि आपको उनसे कोई अपेक्षा या पछतावा न हो.