तनाव बालों को किस प्रकार से पहुंचाता है नुकसान, जानें वजह
इस तनाव का सबसे पहला व तेज असर हमारे बालों व स्किन पर पड़ता है. जब हम तनाव के दौर में होते हैं तो हमारे शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन बनता है जो हमारी स्किन व बालों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.
डिकल रिसर्च के अनुसार, तनाव बालों को 3 प्रकार से नुकसान पहुंचाता है - टेलोजेन एफ्लुवियम, ट्राइकोटिलोमेनिया और एलोपेसिया अरेटा.
टेलोजन एफ्लुवियम एक ऐसी स्थिति है जिसमें तनाव के कारण अचानक अधिक बाल झड़ने लगते हैं. इसमें बालों के विकास चक्र प्रभावित हो जाते हैं और बाल झड़ जाते हैं.इस स्थिति में बालों के रोम छिद्र बहुत अधिक सक्रिय हो जाते हैं. रोम छिद्र वह जगह होती है जहां से बाल निकलते हैं.
ट्राइकोटिलोमेनिया एक ऐसी समस्या है जिसे हेयर पुलिंग डिसऑर्डर यानी बाल खींचने का विकार भी कहा जाता है. इस स्थिति में व्यक्ति को बार-बार अपने बाल खींचने की अनियंत्रित इच्छा होने लगती है.जब व्यक्ति पर तनाव का स्तर बहुत अधिक होता है तो बाल खींचना उसके लिए एक तरह का कॉपिंग मैकेनिज्म यानी सामना करने का तरीका बन जाता है. बाल खींचने से व्यक्ति को थोड़ी देर के लिए आराम मिलता है. लेकिन लगातार बाल खींचने से बालों की जड़ें कमज़ोर हो जाती हैं और बाल झड़ने लगते हैं.
एलोपेसिया अरेटा एक ऐसी समस्या है जिसमें बालों वाले हिस्सों में छोटे-छोटे गोल धब्बे बनने लगते हैं और उन क्षेत्रों से बाल गिरने लगते हैं. इसे बालों से संबंधित ऑटोइम्यून डिसऑर्डर भी कहा जाता है.