World Thalassemia Day 2024: किन बच्चों को होता है थैलेसीमिया, शुरुआत में ही कैसे पहचानें यह बीमारी?
थैलेसीमिया बेहद खतरनाक बीमारी है. यह खून से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जो माता-पिता से बच्चों में ट्रांसफर होती है. इसे आप ब्लड डिसऑर्डर भी कह सकते हैं.
थैलेसीमिया के लक्षण बच्चों में पैदा होते ही दिख जाते हैं. इस बीमारी का कोई ऐसा इलाज नहीं है कि आप इसे पूरी तरह खत्म कर सकते हैं. लेकिन आपको कुछ बात का खास ख्याल रखना होगा.
दरअसल, अगर यह बीमारी किसी व्यक्ति को हो जाए तो उसे पूरी जिंदगी दूसरे के ब्लड पर निर्भर रहना पड़ता है. हर 15 दिन में बच्चों को ब्लड देना पड़ता है.
यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है. जिसमें इससे पीड़ित इंसान में बहुत कम हीमोग्लोबिन होता है. मेजर थैलेसीमिया में खून एकदम नहीं बनता है. जिसके कारण दूसरे का खून चढ़ाना पड़ता है.
थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे 20-25 साल तक ही जिंदा रह पाते हैं. थैलेसीमिया के बच्चों को आयरन की गोली दी जाती है. शादी से पहले लड़का-लड़की को टेस्ट जरूर करवाना चाहिए ताकि यह बीमारी अगर रहे भी तो बच्चे के जन्म से पहले डॉक्टर की सलाह बेहद जरूरी है.