Morning Heart Attack Risk: सुबह ही क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा? डॉक्टरों ने बताई बड़ी वजह
अमेरिका में हार्ट अटैक के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. हर साल करीब 8 लाख से ज़्यादा लोग हार्ट अटैक के शिकार होते हैं, यानी लगभग हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति. कई मामलों में यह दिल की पुरानी बीमारी की वजह से होता है, लेकिन अचानक आने वाली कार्डियक अरेस्ट बिना चेतावनी के जान ले लेती है.
शरीर सुबह उठते ही कई बदलावों से गुजरता है. कोर्टिसोल यानी तनाव बढ़ाने वाला हॉर्मोन बढ़ जाता है, ब्लड प्रेशर ऊपर जाता है, और प्लेटलेट्स चिपचिपे हो जाते हैं. इसका मतलब यह है कि दिल को सुबह सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, भले ही आप अभी चाय बनाने भी न उठे हों.
डॉ. संजय भोजराज बताते हैं कि सुबह का वक्त दिल के लिए “हाई-अलर्ट विंडो” होता है. रिसर्च भी यही साबित करते हैं कि 7 बजे से 11 बजे के बीच हार्ट अटैक और अचानक कार्डियक डेथ की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं. दिन में एक छोटा-सा दूसरा पीक शाम 5 से 6 बजे के बीच दिखाई देता है.
यह खतरा तब और बढ़ जाता है जब लोग उठते ही एकदम तेज रफ्तार में चले जाते हैं. खाली पेट कॉफी, पानी छोड़ देना, दवाएं भूल जाना, और सीधा काम में कूद पड़ना. शरीर अंदर से पहले ही तनाव में होता है और ऊपर से यह रूटीन दिल को और दबाव में डाल देता है.
डॉक्टरों के मुताबिक, सुबह को धीमे-धीमे शुरू करना दिल की हेल्थ के लिए जरूरी है. उठते ही पानी पीना, दवाएं समय पर लेना और हल्का-सा खाना या प्रोटीन से भरा ड्रिंक लेना दिल को राहत देता है. इससे सुबह की हार्ट स्ट्रेस विंडो काफी हद तक कम हो जाती है.
अगर सुबह समय मिले तो 10 से 15 मिनट का हल्का मूवमेंट जैसे टहलना, स्ट्रेचिंग या बस धीमी चाल में घर में घूमना दिल के लिए बहुत फायदेमंद है. शरीर को अचानक झटके से शुरुआत नहीं करनी चाहिए.
डॉक्टरों का मानना है कि अगर लोग अपनी सुबह की आदतों में थोड़े बदलाव ला लें, तो हार्ट अटैक और अचानक कार्डियक मौत जैसे जोखिम काफी हद तक कम किए जा सकते हैं. थोड़ा पानी, थोड़ा आराम और थोड़ा मूवमेंट दिल को यही चाहिए.