दिक्कत होने से पहले कैसे पहचानें स्ट्रोक के लक्षण? जानकारी ही बचा सकती है जान
स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग में ब्लड फ्लो रुक जाता है या बहुत कम हो जाता है, जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्व दिमाग तक नहीं पहुंच पाते हैं. कुछ ही मिनटों में दिमाग के सेल्स मरने लगते हैं. इसीलिए कहते हैं स्ट्रोक के वक्त हर सेकंड कीमती होता है.
दुनिया भर में स्ट्रोक मौत के सबसे बड़े कारणों में से एक है. लेकिन अच्छी बात यह है कि अगर लक्षणों को समय पर पहचाना जाए और तुरंत इलाज कराया जाए, तो जान बचाई जा सकती है और व्यक्ति फिर से नॉर्मल लाइफ जी सकता है.
एक्सपर्ट्स ने स्ट्रोक के लक्षण पहचानने के लिए एक आसान शब्द FAST बनाया है. इसका हर अक्षर अलग-अलग मतलब है.
जिसमें पहला F का मतलब चेहरा यानी Face हैं. व्यक्ति को मुस्कुराने के लिए कहें, अगर चेहरा एक तरफ लटकता है या सुन्न लगता है, तो सतर्क रहें.
इसके बाद दूसरा A बांह यानी Arm है. इसमें व्यक्ति को दोनों बांहें उठाने को कहें. अगर एक हाथ नीचे गिर जाए या कमजोर लगे, तो यह स्ट्रोक का संकेत हो सकता है.
अब S का मतलब Speech यानी बोलना है. इसमें बोलने में तकलीफ या शब्द साफ न लगें, तो यह भी चेतावनी है. वहीं T का मतलब Time यानी समय है. इसका मतलब यह है कि स्ट्रोक के लक्षण पहचानने के बाद एक सेकंड भी बर्बाद न करें, तुरंत 108 या 911 पर कॉल करें.
स्ट्रोक का इलाज समय पर शुरू हो जाए तो व्यक्ति पूरी तरह ठीक हो सकता है. लेकिन अगर इलाज में देरी हुई, तो दिमाग का हिस्सा स्थायी रूप से खराब हो सकता है. स्ट्रोक के शुरुआती कुछ घंटे बहुत जरूरी होते हैं.
आप अपनी डेली लाइफ में कुछ आदतें अपनाकर स्ट्रोक से काफी हद तक बच सकते हैं. जैसे नमक और तेल का सेवन कम करें, ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं, रोजाना 30 मिनट तक चलें या हल्की एक्सरसाइज करें, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं, तनाव को कंट्रोल करें. नियमित रूप से डॉक्टर से ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल को चेक कराएं.