खुले बर्तन में बनी दाल खाई तो पास नहीं आएंगी ये बीमारियां, जान लें इसके फायदे
प्रेशर कुकर में दाल जल्दी पकती है, लेकिन तेज़ भाप और ज्यादा प्रेशर से इसमें मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स खत्म हो जाते हैं. इससे दाल का पौष्टिक मूल्य कम हो जाता है.
खुले बर्तन में दाल पकाने से पानी और दाल दोनों अच्छी तरह से उबलते हैं, जिससे नेचुरल फ्लेवर और न्यूट्रिएंट्स बने रहते हैं. यह पाचन के लिए भी बेहतर है.
ऐसी दाल खाने से शरीर को पूरी मात्रा में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और अन्य जरूरी तत्व मिलते हैं. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है.
राजीव दीक्षित के मुताबिक, खुले बर्तन में बनी दाल पेट में हल्की रहती है और गैस, एसिडिटी या अपच जैसी समस्याएं नहीं करती.
कहा जाता है कि लगातार प्रेशर कुकर में पकी दाल खाने से शरीर में टॉक्सिन जमा हो सकते हैं. वहीं, खुले बर्तन की दाल लंबे समय तक हेल्दी और एनर्जी देने वाली रहती है.
खुले बर्तन में धीमी आंच पर पकी दाल का टेस्ट अलग ही होता है. इसमें दाल का नेचुरल फ्लेवर बना रहता है और मसाले अच्छे से घुल जाते हैं.
अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं, तो राजीव दीक्षित की सलाह मानकर प्रेशर कुकर की जगह खुले बर्तन में दाल पकाने की आदत डालें. यह थोड़ा समय लेगा, लेकिन सेहत और स्वाद दोनों का फायदा मिलेगा.