Coffee Myth: आज दूर कर लीजिए कॉफ़ी से जुड़े ये 5 भ्रम, सच तो ये है..
इंसान और उसकी बातों का कुछ नहीं कहा जा सकता. किसी भी सामान, खाने पीने की चीजें आदि को लेकर व्यक्ति कई तरह की बातें बोलता है. कॉफी को लेकर भी कई तरह के भ्रम लोगों के मन में है जिसे आज हम इस लेख के माध्यम से दूर करेंगे.
कॉफी को लेकर एक मिथक ये है कि इसे फ्रिज में रखने से ये लंबे समय तक चलती है. हालांकि सच्चाई ये है कि आप ऐसी कोई भी वस्तु खरीद लीजिये जिसे कम लाइट, टेम्परेचर और एयरटाइट कंटेनर में अच्छे से रखा जा सकता है तो ये लम्बे समय तक चलेगी. कॉफी को फ्रिज में रखने से ये नमी और गंध के संपर्क में आ जाती है और इसके कारण इसका टेस्ट खराब हो जाता है. भले ही आप कॉफी के दाने को भी क्यों न फ्रिज में रखें, ये भी खराब हो जाता है.
अगला मिथक ये है की कॉफी बनाने के लिए उबलते पानी का उपयोग करना होता है. सच्चाई ये है कि आपको कॉफी 95 डिग्री के तापमान पर बनानी चाहिए यानी जब आप पानी को उबालने के लिए गैस पर रख दें तो इसे 1 से 2 मिनट छोड़े और फिर धीमी आंच पर कॉफी डालें. अगर आप तेज आंच पर कॉफी को उबालते हैं तो इससे इसक स्वाद खराब होगा. साथ ही ये कड़वी भी लगेगा.
डाक रोस्ट कॉफी में कैफीन अधिक होता है. हालांकि सच्चाई ये है कि डाक रोस्ट कॉफी में लाइटर रोस्ट की तुलना में थोड़ा कम कैफीन होता है. जितनी देर तक कॉफी बींस को भुना जाता है उतनी ही अधिक नमी इनसे दूर होती है और कैफीन की मात्रा कम हो जाती है. कॉफी बींस को ज्यादा देर तक भुनने से इसका स्वाद अच्छा हो जाता है लेकिन, कैफीन का स्तर कभी नहीं बढ़ता.
कॉफी को लेकर एक और मिथक ये है कि गर्भवती महिलाओं को कॉफी से बचना चाहिए. हालांकि अगर सीमित मात्रा में कैफीन का सेवन यानी तीन से चार कप कॉफी गर्भवती महिलाएं पीती हैं तो यह पूर्ण रूप से सुरक्षित है. इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि कॉफी का सेवन करने से महिला को गर्भ धारण करने में समस्या या इसकी संभावना कम हो जाती है. अमेरिका में किये गए दो प्रमुख अध्यनों में कैफीन के सेवन और गर्भावस्था के परिणाम या जन्म दोनों के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया.