तीन साल की उम्र में भी ठीक से नहीं बोल पा रहा है आपका बच्चा? जानें ये कितनी चिंता की बात
तीन साल तक के बच्चे बोलचाल में करीब 900-1000 शब्दों का इस्तेमाल करने लगते हैं. इस दौरान वे तीन से पांच शब्दों के छोटे-छोटे वाक्य भी बोलने लगते हैं. साथ ही, क्या-क्यों और कहां जैसे सवाल पूछने लगते हैं.
गौर करने वाली बात यह है कि सुनने की क्षमता भाषा विकास के लिए आधारभूत है. अगर बच्चे को सुनने में दिक्कत जैसे कान में संक्रमण (otitis media) या कोई और दिक्कत है तो उसकी बोलने की क्षमता प्रभावित हो सकती है.
कुछ बच्चों में डेवलपमेंटल लैंग्वेज डिसऑर्डर होता है, जो भाषा कौशल के विकास में देरी का कारण बनता है. NIDCD के शोधकर्ताओं ने एक जेनेटिक वेरिएंट की खोज की है, जो DLD से जुड़ा है. यह जेनेटिक म्यूटेशन बच्चों के भाषा विकास को प्रभावित कर सकता है और डिस्लेक्सिया, ऑटिज्म और स्पीच-साउंड डिसऑर्डर से भी संबंधित हो सकता है.
कई रिसर्च में यह भी पता लगा है कि स्मार्ट मीडिया यानी स्मार्टफोन, टैबलेट, टीवी के ज्यादा इस्तेमाल का कनेक्शन भाषा विकास में देरी से होता है. एक सिस्टमैटिक रिव्यू में पाया गया कि बच्चों का स्क्रीन टाइम बढ़ने से उनकी अभिव्यक्ति (expressive language) और शब्दावली पर नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ता है.
तीन साल की उम्र में अगर आपका बच्चा ठीक से नहीं बोल पा रहा है तो जरूरी नहीं कि यह गंभीर समस्या हो. रिसर्च में सामने आया है कि दो साल तक के 10 से 20 फीसदी बच्चे भाषा विकास में देरी दिखाते हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश तीन साल की उम्र तक अपने साथियों के बराबर आ जाते हैं.