Overthinking Problem: हद से ज्यादा सोचने की आदत से छुड़ाना है पीछा? ओवरथिंकिंग दूर करने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स
जब कोई व्यक्ति छोटी सी बात को भी हद से ज्यादा समय तक सोचने लगता है तो इसे मानसिक बीमारी की कैटेगरी में रखा जाता है और यह ओवरथिंकिंग कहलाती है.
सोचना तो इंसान का नेचुरल स्वभाव है. आप कभी बिना कुछ सोचे नहीं रह सकते. सोते वक्त भी आपके दिमाग में सपने चलते रहते है. लेकिन जब यह स्वभाव हद से ज्यादा बढ़ जाए तो ओवरथिंकिंग होती है.
जब कोई व्यक्ति छोटी सी बात को भी हद से ज्यादा समय तक सोचने लगता है तो इसे मानसिक बीमारी की कैटेगरी में रखा जाता है और यह ओवरथिंकिंग कहलाती है.
ओवरथिंकिंग को रोकने का एक आसान तरीका है. ओवरथिंकिंग जब हद से ज्यादा बढ़ जाए तो तेज गहरी सांस लें. आंखें बंद कर लें. सांस अंदर और बाहर छोड़ें.
ओवरथिंकिंग से बचने के लिए आप नियमित रूप से ध्यान यानी मेडिटेशन का अभ्यास भी कर सकते हैं.
ओवरथिंकिंग को कम करने के लिए या दिमाग को भटकाने के लिए आप कुछ पसंदीदा काम करें. इससे आपके मन को आराम भी मिलेगा.