Healthy Sleep Routine: किस उम्र कितने घंटे की नींद होती है जरूरी? न्यूरोलॉजिस्ट ने बता दिया बॉडी की सेहत बनाने वाला राज
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. जगदीश हिरेमठ के अनुसार, यह आंकड़े अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन और नेशनल स्लीप फाउंडेशन की गाइडलाइनों से मेल खाते हैं. व्यक्ति-व्यक्ति की नींद की जरूरत थोड़ी अलग हो सकती है, लेकिन ये औसतन सही माने जाते हैं.
बच्चों को ज्यादा नींद इसलिए चाहिए क्योंकि उनका दिमाग और शरीर तेजी से बढ़ता है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, दिमाग मेच्योर होता जाता है और नींद की जरूरत घटती जाती है. वयस्कों के लिए नींद का काम होता है दिमाग को रीचार्ज करना, थकान मिटाना और इमोश्नल संतुलन बनाए रखना.
माता-पिता और केयरगिवर्स बच्चों की नींद पूरी कराने में मदद कर सकते हैं. इसके लिए सोने का तय समय रखें, स्क्रीन टाइम घटाएं और कमरे का माहौल शांत रखें. खासकर किशोरों को यह समझाना जरूरी है कि नींद भी पढ़ाई जितनी ही जरूरी है.
कम नींद के असर तुरंत दिखते हैं. इसमें ध्यान भटकना, मूड खराब रहना, इम्यूनिटी कमजोर होना शामिल है. लंबे समय में इससे हार्ट रोग, मोटापा, डायबिटीज और डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है.
अगर आप अपनी नींद को बेहतर बनाना चाहते हैं तो कुछ आसान तरीके मदद कर सकते हैं. हर दिन एक तय समय पर सोने और उठने की आदत डालें, कमरे को हल्का अंधेरा और ठंडा रखें, और सोने से पहले मोबाइल या टीवी स्क्रीन से दूरी बना लें.
इसके साथ ही कैफीन या हैवी मील रात में लेने से बचें. थोड़ी-सी लाइफस्टाइल में बदलाव आपकी नींद की गुणवत्ता को बहुत हद तक सुधार सकती है. दिन में थोड़ी फिजिकल एक्टिविटी भी जरूरी है ताकि रात में नींद जल्दी आए.