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बच्चे को हद से ज्यादा पसीना आए तो न करें इग्नोर, ये छोटा सा लक्षण हो सकता है बड़ी बीमारी का संकेत
क्या आपको पता है कि बड़े लोगों की तरह बच्चों को पसीना नहीं आता है. लेकिन अगर आपके बच्चे को ज्यादा पसीना आता है तो ये खतरे की निशानी हो सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं इसका कारण.
हम लोग जब भी काफी देर तक धूप में या फिजिकल काम ज्यादा करते हैं तो हमें पसीना आने लगता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि छोटे बच्चों को पसीना क्यों नहीं आता. उन्हें चाहें आप धूप में ले जाएं या कहीं और बच्चों को हमारी तरह स्वेटिंग नहीं होती और उनकी बॉडी हर टाइम ड्राई और फ्रेश रहती है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
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दरअसल, बच्चों का बॉडी मैकेनिज्म एडल्ट्स के मुकाबले काफी अलग तरह से काम करता है. बच्चों में स्वेट ग्लैंड्स ठीक तरह से डेवलप नहीं हुई होते हैं, जिस कारण उनकी बॉडी काफी कम पसीना छोड़ती है.
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लेकिन अगर आपके बेबी को ज्यादा और बार-बार पसीना आता है तो ये खतरे की निशानी हो सकती है. डॉक्टर्स की मानें तो आमतौर पर बच्चों को पसीना नहीं आता है क्योंकि उनके स्वीट ग्लैंड मैच्योर नहीं होते हैं और मैच्योरिटी तक वह ये फंक्शन परफॉर्म नहीं करते.
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ऐसे में बच्चे अपना बॉडी टेंपरेचर मेंटेन करने के लिए बॉडी पोजीशन बदलने पर डिपेंड होते हैं. इस वजह से बच्चों की बॉडी हल्की गरम हो सकती है और रेडनेस शो कर सकती है.
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लेकिन अगर बच्चे को दूध पीते और सोते समय बार-बार पसीना आता है तो ये नॉर्मल बात नहीं है. ये किसी क्रोनिक डिसीस का संकेत भी हो सकता है.
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ऐसे में बच्चे को किसी तरह की हार्ट प्रॉब्लम, इंफेक्शंस, मेटाबॉलिक या एंडोक्राइन डिसऑर्डर होने का काफी ज्यादा खतरा होता है.
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इसके अलावा ये बेबी के शरीर में एक्सेसिव थायराइड हार्मोन बनने के कारण भी हो सकता है. इस कंडीशन में बच्चे को सिस्टिक फाइब्रोसिस यानी कि एक तरह का रेस्पिरेटरी डिसऑर्डर भी हो सकता है.
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ऐसे में इसके कारण बच्चों में सॉल्ट्स सिक्रीशन का तरीका बदल जाता है और शरीर आमतौर पर जैसे रिएक्ट करता है, उससे काफी अलग तरह रिएक्ट करने लगता है.
Published at : 03 Nov 2025 10:03 AM (IST)
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