क्या आपको भी आता है बेवजह गुस्सा? ये 5 चीजें स्थिति को बना सकती हैं और भी ज़्यादा गंभीर
स्ट्रेस और फ्रस्ट्रेशन : अगर आप अपने काम को लेकर स्ट्रेसफुल रहते हैं या छोटी-छोटी सी बात पर फ्रस्ट्रेशन होने लगता है, तो इससे आपका एग्रेसिव नेचर और ज्यादा बढ़ सकता है और आप छोटी-छोटी बातों पर अपनों पर या खुद पर ही गुस्सा कर सकते हैं.
हार्मोनल इंबैलेंस : वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में फ्लकचुएशन होने से इंपल्सिव नेचर, एग्रेशन और इरिटेबिलिटी बढ़ती है, खासकर महिलाओं में पीरियड्स के दौरान टेस्टोस्टरॉन हॉर्मोन इंबैलेंस होते हैं.
ड्रग एब्यूज : अगर आप अल्कोहल, टोबैको या अन्य किसी प्रकार के नशीले पदार्थ का सेवन करते हैं, तो इससे इंसान का नेचर एग्रेसिव होता है और यह डोमेस्टिक वायलेंस और सोशल एंजाइटी को भी बढ़ाता है.
सोशल ट्रिगर: एक रिपोर्ट के अनुसार, जो बच्चे बचपन में डोमेस्टिक वायलेंस, एब्यूज और नेगेटिव माहौल में बड़े होते हैं उनमें बड़े होकर एग्रेसिव होने के चांसेस ज्यादा होते हैं, इसलिए बच्चों को हमेशा एक पॉजिटिव और हेल्दी एटमॉस्फेयर में बड़ा करना चाहिए.
जेनेटिक्स : कुछ स्टडी दावा करती है कि इंसान में एग्रेसिव नेचर जेनेटिक प्रभाव से भी होते हैं. अगर माता-पिता में गुस्सैल स्वभाव होता हैं, तो बच्चे में भी यह प्रॉब्लम हो सकती हैं.
किस तरह कंट्रोल करें एग्रेसिव नेचर : अगर आपको भी लगता है कि आपका नेचर बहुत ज्यादा एग्रेसिव होता जा रहा है और आप छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करते हैं, तो इसके लिए सबसे बेहतर उपाय है मेडिटेशन. आप जितना ज्यादा अपने दिमाग को शांत रखेंगे, योग और मेडिटेशन करेंगे उतनी ही मन की शांति आपको मिलेगी और आपकी गुस्सा करने की प्रवृत्ति भी धीरे-धीरे कम होती जाएगी.