पीरियड्स के दौरान पैरों में होने वाले दर्द से कैसे पाएं राहत? जानें इसके पीछे का कारण
पीरियड्स साइिकल 21 से 35 दिनों के बीच रहता है. इसके साथ होने वाले कुछ असामान्य लक्षण चिंताजनक और परेशान करने वाले हो सकते हैं. उनमें से एक है पैरों में ऐंठन, जो शायद हर किसी को न हो, लेकिन जब ऐसा होता है. तो आपको दर्द से निपटने के कारणों और तरीकों को समझना चाहिए.
मासिक धर्म से जुड़ी तकलीफ़ मासिक धर्म चक्र से दो हफ़्ते पहले शुरू हो सकती है और पूरे पीरियड के दौरान बनी रह सकती है. जिसे ल्यूटियल चरण कहा जाता है. शरीर प्रोस्टाग्लैंडीन बनाता है. ये पदार्थ गर्भाशय को गर्भाशय की परत को सिकोड़ने और खाली करने में मदद करते हैं.
पीरियड्स के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव रक्त संचार को बिगाड़ सकते हैं. जिससे पैरों में भारीपन या दर्द हो सकता है. हार्मोनल बदलाव पानी के जमाव, मांसपेशियों में सूजन और आंतरिक तकलीफ़ को भी प्रेरित कर सकते हैं. खासकर पैरों और जांघों में.
लाइफस्टाइल में बड़े बदलाव पीरियड्स के कारण पैरों में भारीपन और तकलीफ़ की भावना को बढ़ा सकते हैं. यह गतिविधि की कमी, खराब आहार, अपर्याप्त पानी या तनाव के कारण हो सकता है.
हालांकि, अगर आपके पैरों में तकलीफ़ असहनीय हो जाती है और आपके पीरियड्स के बाद भी बनी रहती है, तो यह एक अंदरुनी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है
अगर आप भी इस तरह की दिक्कतों से गुजर रहे हैं तो आपको अपनी डाइट में ढेर सारी फल, सब्जियां, मेवे, बीज, मछली और ओमेगा-3 से भरपूर फूड आइटम शामिल करनी चाहिए. साथ ही साथ ढेर सारी दालें, प्रोटीन, अंडे, चावल, साबुत पास्ता को अधिक से अधिक डाइट में शामिल करनी चाहिए.