Bird Flu Death: H5N1 वायरस के बारे में आपको ये बातें जरूर जाननी चाहिए
बर्ड फ्लू का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है और यह जानवरों और पक्षियों से मनुष्यों में फैलता है. इसे डेड-एंड संक्रमण के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि एक इंसान से दूसरे इंसान में कोई संक्रमण नहीं होता है.
H5N1 की पहली बार 1996 में दक्षिणी चीन में पहचान की गई थी और इसने पिछले कुछ सालों में दुनिया भर में जंगली और पाले गए पक्षियों में छिटपुट प्रकोप पैदा किए हैं. CNN की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने कहा कि महामारी शुरू करने के लिए वायरस को अपने आनुवंशिक अनुक्रम में महत्वपूर्ण बदलावों को विकसित करने या बनाए रखने की आवश्यकता होगी.
H5N1 बर्ड फ्लू एक ऐसा संक्रमण है जो पक्षियों और अन्य जानवरों में फैलता है.हालांकि, यह मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है. यह संक्रमण आपके ऊपरी श्वसन पथ और फेफड़ों को संक्रमित करता है. यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है. हाल के मामलों में, संक्रमण ने आँखों को भी प्रभावित किया, जिससे गुलाबी आंख हो गई.
गुलाबी आँख बुखार, थकान, खांसी, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, मतली और उल्टी, दस्त, नाक बंद होना या बहना,सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है.
जंगली जानवरों और पशुओं को संभालते समय या उनके रहने के क्षेत्रों में जाने के बाद अपने हाथों को बार-बार धोएं.ऐसे जानवरों के साथ काम न करें जो बीमार हों या जो एवियन इन्फ्लूएंजा के संपर्क में आए हों.
अगर किसी पॉल्ट्री या जंगली पक्षियों के बीच आप रहते हैं तो मास्क जरूर पहनें और बार-बार हाथ धोते रहें.