बदलते मौसम में सर्दी जुकाम ने कर दिया है परेशान, आजमाएं ये आयुर्वेदिक उपाय और इम्यूनिटी बढ़ाएं
बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम और खांसी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं आम हो जाती हैं. इस दौरान शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. अधिकतर लोग इससे राहत पाने के लिए दवाइयों का सहारा लेते हैं,
बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम और खांसी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं आम हो जाती हैं. इस दौरान शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. अधिकतर लोग इससे राहत पाने के लिए दवाइयों का सहारा लेते हैं,
, लेकिन आयुर्वेद में कई ऐसे प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं जो सर्दी-जुकाम से राहत दिलाने में कारगर हैं. रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. श्रेय शर्मा से जानते हैं कि इन समस्याओं से निपटने के लिए कौन-कौन से उपाय अपनाए जा सकते हैं.
तुलसी : तुलसी को आयुर्वेद में बहुत उपयोगी माना गया है. तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं और सर्दी-जुकाम से राहत दिलाने में मदद करते हैं. तुलसी का काढ़ा पीने से खांसी और गले में जमा बलगम आसानी से बाहर निकल जाता है. आप तुलसी के पत्तों का रस भी पी सकते हैं, जिससे रेस्पिरेटरी सिस्टम की सफाई होती है.
मुलेठी का काढ़ा पिएं: मुलेठी में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बलगम को पतला करने और गले की खराश को ठीक करने में सहायक होते हैं. एक गिलास पानी में एक चम्मच मुलेठी पाउडर मिलाकर पीने से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है. इसे उबालकर पीना अधिक फायदेमंद होता है.
नाक में घी डालें: आयुर्वेद के अनुसार नाक में घी डालने से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है. हल्का गर्म घी नाक में डालकर सीधे लेटने से बलगम निकलने में मदद मिलती है और गले की खराश भी दूर होती है.
गिलोय का जूस पिएं: गिलोय को आयुर्वेद में एक औषधि के रूप में जाना जाता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और सर्दी-जुकाम से राहत दिलाते हैं. आप गिलोय का काढ़ा या जूस पी सकते हैं, जो शरीर को अंदरूनी ताकत देता है.