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(Source: ECI | ABP NEWS)
इन पांच वजहों से किडनी में होती है कैंसर की एंट्री, जानबूझकर इग्नोर कर देते हैं 99 पर्सेंट लोग
मॉडर्न लाइफस्टाइल की वजह से जो बीमारियां लोगों को तेजी से शिकार बना रही हैं, उनमें किडनी कैंसर भी शामिल है. मेडिकल टर्म में इसे रीनल सेल कार्सिनोमा (RCC) के नाम से भी जाना जाता है.
जब किडनी में सेल्स असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं तो ये धीरे-धीरे ट्यूमर का रूप ले लेती हैं और मरीज को कैंसर हो जाता है. पिछले कुछ वर्षों में किडनी कैंसर के मामलों में इजाफा हुआ है. इनमें कई ऐसी आदतें शामिल हैं, जिन्हें 99 प्रतिशत लोग जानबूझकर इग्नोर कर देते हैं.
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स्मोकिंग को किडनी कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है. इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) और यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज के मुताबिक, स्मोकिंग करने वालों में किडनी कैंसर का खतरा 30 फीसदी तक बढ़ जाता है. अहम बात यह है कि स्मोकिंग छोड़कर इस खतरे को कम किया जा सकता है.
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मोटापा या ज्यादा वजन भी किडनी कैंसर का प्रमुख कारण है, जिसे लोग अक्सर अनदेखा कर देते हैं. ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (GBD) 2021 की एक स्टडी के अनुसार, हाई बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के कारण किडनी कैंसर का खतरा 165 पर्सेंट तक बढ़ सकता है.
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जिन लोगों की उम्र 60 साल से ज्यादा है और उन्हें खतरा काफी ज्यादा होता है. दरअसल, मोटापे से इंसुलिन रेजिस्टेंस, हार्मोनल डिसबैलेंस और सूजन की दिक्कतें बढ़ने लगती हैं. इससे कैंसर की सेल्स काफी तेजी से बढ़ती हैं.
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लोगों का मानना है कि हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन की वजह से सिर्फ हार्ट डिजीज का खतरा होत है, लेकिन यह साइलेंट किलर किडनी कैंसर के खतरे को भी बढ़ा देता है.
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कैंसर रिसर्च यूके की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों का ब्लड प्रेशर लगातार हाई रहता है, उनमें किडनी कैंसर का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा होता है. हाई ब्लड प्रेशर से किडनी की खून की धमनियों को नुकसान पहुंचता है.
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कुछ केमिकल्स के संपर्क में आने से भी किडनी कैंसर का खतरा बढ़ता है. इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने ट्राइक्लोरोएथिलीन (Trichloroethylene) को किडनी कैंसर का प्रमुख कारण बताया है. यह रसायन मेटल क्लीनिंग और डीग्रीजिंग में इस्तेमाल होता है. इसके अलावा प्रिंटिंग और टेक्सटाइल इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स जैसे आर्सेनिक, कैडमियम आदि भी किडनी कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं.
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क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) और किडनी कैंसर के बीच तगड़ा कनेक्शन है. नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, जिन लोगों को लंबे समय तक किडनी की बीमारी रहती है, उनमें किडनी कैंसर का खतरा 5 गुना तक बढ़ जाता है. जो मरीज डायलिसिस पर हैं, उन्हें इससे काफी दिक्कत होती है.
Published at : 10 Jun 2025 03:02 PM (IST)
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