न बदलेगा स्वाद और चाय भी हो जाएगी हेल्दी, ये 7 आसान तरीके करेंगे आपकी मदद
चाय को हेल्दी बनाने के लिए आप लो-फैट या प्लांट बेस्ड दूध का इस्तेमाल करें. दरअसल चाय के लिए फुल-फैट दूध की जगह टोंड या स्किम्ड दूध ज्यादा सही माना जाता है. ऐसे में आप बादाम, सोया या ओट मिल्क चाय के लिए उपयोग में ले सकते हैं. यह दूध हल्के और पचने में आसन होते हैं. साथ ही यह चाय का क्रीमी टेक्सचर भी बनाए रखते हैं.
अक्सर हम चाय में चीनी डालते हैं, लेकिन चाय में ज्यादा चीनी हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक होती है. ऐसे में कोशिश करें कि धीरे-धीरे चीनी की मात्रा कम करें. वहीं सफेद चीनी की जगह गुड़, शहद या स्टीविया का इस्तेमाल करें. गुड़ को चाय में इलायची या दालचीनी जैसे मसाले के साथ मिलाने से चाय को ज्यादा फायदेमंद माना जाता है.
अदरक, इलायची, दालचीनी और लौंग जैसे मसाले न केवल स्वाद बढ़ाते हैं. बल्कि इनमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं. ऐसे में चाय बनाते समय इन्हें पानी में उबालकर फिर चाय पत्ती डालें, ताकि उनकी खुशबू और औषधीय गुण पूरी तरह चाय में घुल जाए.
अच्छे स्वाद और हेल्थ के लिए हमेशा अच्छी क्वालिटी वाली चाय पत्ती चुनें. असम या दार्जिलिंग के मीडियम या लार्ज लीफ चाय इसके लिए सबसे अच्छी मानी जाती है. यह स्वाद में मजबूत होती है और आपको कम दूध-चीनी में भी वहीं मजा देती है.
चाय में इंस्टेंट टी मिक्स और आर्टिफिशियल क्रीमर से बचना चाहिए. इंस्टेंट टी मिक्स या क्रीमर में अक्सर हिडन शुगर और फैट होते हैं. ऐसे में बेहतर है कि आप ताजा दूध, मसाले और चाय पत्ती से ही अपनी चाय तैयार करें. इससे चाय का स्वाद भी ज्यादा ताजा और नेचुरल रहेगा.
इसके अलावा कई बार ज्यादा चाय भी कैलोरी बढ़ा देती है. ऐसे में बड़े कप की जगह छोटे कप में चाय पीने की कोशिश करें और धीरे-धीरे चाय का स्वाद लें. साथ ही चाय से अपने शरीर को ओवरलोड न करें.
कोशिश करें कि आप ज्यादा कैफीन वाली चाय न पिएं. इसके बजाया आप तुलसी लेमन ग्रास या अदरक की हर्बल चाय पी सकते हैं. यह चाय न सिर्फ सुकून देती है बल्कि कैफीन फ्री भी होती है. वहीं तुलसी को सामान्य चाय के साथ मिलकर भी पिया जा सकता है.