मौत से 24 घंटे पहले नजर आते हैं ये 3 लक्षण, दिखते ही भागें डॉक्टर के पास
दिल की धड़कन धीमी होने से हाथ-पैर ठंडे पड़ने लगते हैं. त्वचा पर नीला या बैंगनीपन दिखने लगता है, खासकर पैरों और नाखूनों पर. यह शरीर की ऊर्जा बचाने की प्राकृतिक प्रक्रिया है.
व्यक्ति धीरे-धीरे बाहरी दुनिया से कटने लगता है. आंखें ज़्यादातर बंद रहती हैं, बात करना बंद हो जाता है और वह कम प्रतिक्रिया देने लगता है. हालांकि सुनने की क्षमता आखिरी तक बनी रहती है.
व्यक्ति बात करना बंद कर देता है. आसपास हो रही चीजों पर उसकी प्रतिक्रिया बहुत कम हो जाती है.
कई लोग आखिरी समय में आंखें बंद रखते हैं या ऐसा लगता है जैसे कहीं और देख रहे हों. यह शरीर का स्वाभाविक बदलाव है.
भले ही व्यक्ति जवाब न दे पाए, लेकिन माना जाता है कि सुनने की क्षमता आखिरी समय तक बनी रहती है. इसलिए शांत और प्यार से बात करना ज़रूरी है.
ये बदलाव डराने वाले नहीं बल्कि सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा हैं. इन्हें समझकर परिवार और प्रियजन अपने व्यवहार से आखिरी समय को शांत और सम्मानजनक बना सकते हैं.