जानिए, बॉलीवुड की पहली सुपरस्टार एक्ट्रेस श्रीदेवी के कुछ बेहतरीन डायलॉग
फिल्म इंग्लिश विंग्लिश- मर्द खाना बनाए तो कला है, औरत खाना बनाए तो फर्ज है.
फिल्म आर्मी- दुनिया में कोई भूत प्रेत, कोई जंगली जानवर इस इंसान नाम के जानवर से ज्यादा खतरनाक नहीं होता है....नुकसान तो सिर्फ जागते इंसान ही पहुंचाते हैं
फिल्म इंग्लिश विंग्लिश- मेरे फेवरिट सब्जेक्ट में फेल हो कर किसी दूसरे सब्जेक्ट में पास होने से क्या फायदा
फिल्म जोशीले- समझाओ इसे प्यार कोई पाप नहीं है... जल्लाद है कमबख्त, ये मेरा बाप नहीं है
फिल्म चांदनी(1989)- 'जीवन के किस मोड़ पर कब कोई मिल जाए... कौन कह सकता है?'
फिल्म चांदनी(1989)- 'जब तुम मुझे अपना कहते हो अपने पे गुरूर आ जाता है'
हिंदी सिनेमा से कई वर्षो तक दूर रहने के बाद भी फिल्म 'इंग्लिश विंग्लिश' में उन्होंने बेहतरीन अभिनय से आलोचकों और दर्शकों को चौंका दिया था.
साल 1978 से श्रीदेवी में बॉलीवुड में अपना करिअर शुरू किया था. उनकी पहली बॉलीवुड फिल्म 'सोलहवां सावन' थी जिसमें उन्होंने अमोल पालेकर के साथ अभिनय किया था. बतौर लीड एक्टर उनकी आखिरी फिल्म 'मॉम' थी जिसमें उनके अभिनय को अलोचकों की खूब सराहना मिली थी. हालांकि उनकी फिल्म 'जीरो' रिलीज होना अभी बाकी है.
श्रीदेवी अपनी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय के साथ नायाब अंदाज में डायलॉग बोलने के लिए जानी जाती हैं. मर्द खाना बनाए तो कला है, औरत खाना बनाए तो फर्ज है. श्रीदेवी की फिल्म इंग्लिश विंग्लिश का ये डॉयलॉग उन लोगों को सबक है जो महिलाओं को रसोईघर तक ही सीमित रखना चाहते हैं.
बॉलीवुड की पहली फीमेल सुपरस्टार कही जाने वालीं श्रीदेवी अब हमारे बीच नहीं रहीं. सिर्फ 54 साल की उम्र में दुबई में अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. उनके जाने से बॉलीवुड में जो शून्य बना है शायद उसकी भरपाई कभी भी न की जा सके.
आइए इस मौके पर हम आपको श्रीदेवी की कुछ यादगार डायलॉग से रूबरू कराते हैं. इन डॉयलॉग्स को सुनिए और याद कीजिए इस बेहतरीन कलाकार को.