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एम्स के एक अध्ययन के मुताबिक, रोजाना योग करने से शुक्राणु की गुणवत्ता बेहतर हो जाती है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
नियमित तौर पर योग करने से ऑक्सीडेटिव तनाव में कमी आती है और डीएनए क्षति को ठीक करने में मदद मिलती है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
एम्स के यूरोलॉजी एंड ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी विभाग ने साथ मिलकर इस साल की शुरुआत में ये अध्ययन किया था. इसका प्रकाशन अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल ‘नेचर रिव्यू जर्नल’ में किया गया है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
यह अध्ययन 200 पुरूषों में किया गया, जिन्होंने छह माह तक योग किया था. फोटोः गूगल फ्री इमेज
प्रदूषण, बैक्टीरियल इंफेक्शन, इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन के संपर्क में आने, इंफेक्शन, धूम्रपान, शराब पीने, मोटापे और फास्ट फूड जैसे कई आंतरिक और बाह्य कारणों से ऑक्सीडेटिव तनाव उत्पन्न होता है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
आमतौर पर देखा गया है कि ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण डीएनए को नुकसान पहुंचता है. ऑक्सीडेटिव तनाव ऐसी स्थिति है जब शरीर के फ्री रेडिकल लेवल और ऑक्सीजन रोधी क्षमता में असंतुलन पैदा हो जाता है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
एम्स के एनाटोमी विभाग प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा का कहना है कि डीएनए को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचने से शुक्राणु की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है. स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए शुक्राणु में जेनेटिक कंपोनेंट्स की गुणवत्ता सबसे अहम होती है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
जीवनशैली में मामूली बदलाव के जरिये इन चीजों को रोका जा सकता है और डीएनए की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.