Why Women Feel Colder: मर्दों की तुलना में औरतों को क्यों लगती है ज्यादा ठंड, दोनों की बॉडी में क्या है केमिकल लोचा?
मसल्स टिशु तब गर्मी पैदा करते हैं जब शरीर आराम की अवस्था में या फिर गति में होता है. अब क्योंकि महिलाओं में आमतौर पर पुरुषों की तुलना में मांसपेशियों का भार कम होता है इस वजह से उनका शरीर कुल मिलाकर कम गर्मी पैदा करता है.
प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन रक्त परिसंचरण और तापमान को नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं. प्रोजेस्टेरोन रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर सकता है जिस वजह से हाथ पैरों में खून का बहना कम हो जाता है. हाथ और पैरों में खून का बहना कम होने से ठंड लग सकती है.
मेटाबॉलिज्म भोजन को ऊर्जा में बदलता है और इस प्रक्रिया में गर्मी भी पैदा होती है. महिलाओं का मेटाबॉलिज्म रेट पुरुषों की तुलना में धीमा होता है. इसका मतलब है कि उनके शरीर आराम की अवस्था में कम कैलोरी जलाते हैं और कम गर्मी को पैदा करते हैं.
महिलाओं में पुरुषों की तुलना में वसा का प्रतिशत ज्यादा होता है. यह वसा हीट लॉस के खिलाफ एक इंसुलेटर के रूप में काम करती है. लेकिन यह मांसपेशियों की तरह गर्मी उत्पन्न नहीं करती.
महिलाओं का सरफेस एरिया उनके शरीर के आयतन की तुलना में ज्यादा होता है. इसका मतलब है कि अपने आसपास के वातावरण में तेजी से गर्मी होती है जिस वजह से उनके शरीर का गर्मी का तापमान बनाए रखना मुश्किल हो जाता है.
शरीर में कुछ केमिकल्स होते हैं जैसे की थायराइड हार्मोन, मेटाबॉलिज्म और हीट प्रोडक्शन. महिलाओं में संवेदनशीलता का स्तर थोड़ा अलग हो सकता है जिस वजह से उनके शरीर में गर्मी पैदा करने की क्षमता प्रभावित होती है. थायराइड की कम गतिविधि या धीमा मेटाबॉलिज्म होना आसानी से ठंड लगने की वजह बन सकता है.