Tipping Culture Japan: जापान में वेटर्स को टिप क्यों नहीं देते लोग? कारण जानकर हैरान हो जाएंगे आप
जापान की सेवा संस्कृति के मूल में ओमोटेनाशी की अवधारणा शामिल है. इसका मतलब होता है निस्वार्थ भाव से मेहमानों की सेवा करना. जापानी लोग बदले में कुछ भी अपेक्षा किए बिना ईमानदारी से मेहमानों की सेवा करते हैं. टिप का मतलब यह हो सकता है की सेवा दिल से नहीं बल्कि पैसे के लालच के लिए की गई थी.
जापान में हर काम को गर्व का प्रतीक माना जाता है. चाहे वह काम कितना भी बड़ा या फिर छोटा क्यों ना हो. चाहे शेफ हो, सफाई कर्मी हो या फिर सर्वर हर व्यक्ति अपने काम को लगन के साथ करता है. टिप लेना ऐसा माना जा सकता है कि उनके वेतन या प्रयासों को एक अतिरिक्त इनाम की जरूरत है. यह प्रोत्साहन की बजाय अपमानजनक लग सकता है.
जापान में सभी कर्मचारियों के लिए उचित मुआवजा है. सेवा कर्मियों को सम्मानजनक आजीविका चलाने के लिए अच्छा खासा वेतन दिया जाता है. इस वजह से टिप की ना तो अपेक्षा की जाती है और ना ही जरूरत.
जापान में बिना गलती के सेवा करना एक आदर्श है जिसके लिए कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं किया जाना चाहिए. यहां पर अच्छी सेवा को एक देन माना जाता है ना की कोई खरीदी हुई चीज.
जापान में अगर आप टिप देते हैं तो ज्यादातर वेटर विनम्रता से पैसे लेने से मना कर देते हैं या फिर वापस कर देते हैं.
जापान की संस्कृति सद्भाव और समानता पर जोर देती है. टीप देने से यह भावना भंग होती है. इसके बजाय आप अच्छी सेवा की सराहना कर सकते हैं.