इस सांप को क्यों कहा जाता है घोड़ा पछाड़ सापं, क्या घोड़े से भी तेज है इसकी स्पीड
अक्सर दिखने में सभी सांपों का रंग और आकार अलग-अलग होते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे सांप के बारे में बताने वाले हैं, जिसकी रफ्तार घोड़े से भी तेज होती है.
गर्मी के समय खासकर पुराने घरों में सांप खूब निकलते हैं. क्योंकि पुराने घरों में ठंडक होती है और सांप को अपने शरीर का तापमान कम करने के लिए ठंड वाली जगह चाहिए.
भारत में ही सांपों की लगभग 300 प्रजातियां पाई जाती हैं. इन प्रजातियों में तकरीबन 50 प्रजाति के सांप बेहद ही जहरीले होते हैं. अगर इस तरह के सांपों से बचना बहुत जरूरी होता है.
भारत का सबसे तेज़ दौड़ने वाला सांप रैटस्नेक को कहा जाता है. इसका नाम रैटस्नेक इसलिए है क्योंकि इसे खाने में चूहे पसंद हैं. बरसात के मौसम में ये सांप खूब निकलते हैं. इनका रंग कई तरह का हो सकता है.
भारत में ये भूरे या स्लेटी रंग के होते हैं. अमेरिका में ये पीले रंग के भी ही होते हैं. इनके शरीर पर धारियां होती हैं और लंबाई 6 से 10 फीट होती है. इनकी रफ्तार इतनी तेज़ होती है कि पलक झपकते ही ये गायब हो जाते हैं.
इस सांप को भारत में घोड़ा पछाड़ सांप भी कहा जाता है क्योंकि इसकी रफ्तार घोड़े से भी तेज़ होती है. कई जगहों पर इसे धमीना सांप भी कहा जाता है. हालांकि ये सांप विषैले नहीं होते हैं.