Gold And Silver Price: 10 ग्राम के हिसाब से बताए जाते हैं सोने के दाम, लेकिन किलो में क्यों तय होते हैं चांदी के रेट?
भारत में सोने की कीमतों को पारंपरिक तरीके से 10 ग्राम में बताया जाता है. क्योंकि पहले 'तोला' माप के लिए इस्तेमाल किया जाता था. एक तोले को 10 ग्राम के बराबर माना जाता था.
सोना काफी ज्यादा कीमती और महंगा भी होता है. इसलिए 10 ग्राम में कीमतों को बताने से ग्राहकों के लिए कम मात्रा में कीमत का हिसाब लगाना थोड़ा सा आसान हो जाता है.
चांदी की कीमतों को प्रति किलोग्राम में बताया जाता है. चांदी दरअसल सस्ती होती है और इसका इस्तेमाल इंडस्ट्रियल और इन्वेस्टमेंट दोनों कामों के लिए काफी ज्यादा मात्रा में होता है.
इसी के साथ सोना कम मिलता है और इसका प्रति ग्राम मूल्य काफी ज्यादा होता है और चांदी सस्ती होती है. कीमतों को बताने का यह तरीका इस बात को सुनिश्चित करता है कि कम मात्रा में सोना खरीदने वाले ग्राहकों के लिए यह आसान रहे और ज्यादा मात्रा में चांदी खरीदने वालों के लिए भी.
चांदी का इस्तेमाल ज्वेलरी के साथ-साथ इंडस्ट्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैन्युफैक्चरिंग में भी होता है. क्योंकि औद्योगिक खरीदार ज्यादा बड़ी मात्रा में खरीदने हैं इसलिए प्रति किलोग्राम कीमत को बताना सही रहता है.
व्यापारियों और होलसेलर्स के लिए बड़ी मात्रा में खरीदने या बेचते समय हिसाब किताब को रखना आसान हो जाता है और लेनदेन की राशि में गलतियों की आशंका भी कम हो जाती हैं.