ज्वालामुखी फटने के बाद गर्मी की जगह क्यों बढ़ जाती है ठंड?
आपने कभी सोचा है कि जिस क्षेत्र में ज्वालामुखी फटने की घटना सामने आती है वहां का मौसम कैसा होता होगा और कई बार उन क्षेत्रों में गर्मी की जगह ठंड क्यों बड़ जाती है. यदि नहीं तो चलिए आज जान लेते हैं.
दरअसल ज्वालामुखी एक पहाड़ होता है जिसके अंदर पिघला लावा भरा होता है. वहीं पृथ्वी के नीचे दबी उच्च ऊर्जा यानि जियोथर्मल एनर्जी से पत्थरों को पिघलाने का काम करती है. वहीं जब जमीन के नीचे से ऊपर की ओर दबाव बढ़ता है तो पहाड़ ऊपर से फट जाता है. जो ज्वालामुखी का रूप ले लेता है.
इसके फटने के बाद कई गैस निकलती है और इन्हीं गैसों और पत्थरों के मिश्रण को मैग्मा कहा जाता है. जब ज्वालामुखी फटता है तो यही मैग्मा आकाश की ओर जाता है. जिसके बाद आसमान में ये बादल की तरह छा जाते हैं और उससे उस क्षेत्र में सूर्य की रोशनी नहीं आ पाती.
यही कारण है कि ज्वालामुखी फटने के बाद बहुत अधिक बारिश होने और बिजली गड़गड़ाने की घटना सामने आती है. जिसके चलते कई बार उस क्षेत्र में ठंड बहुत अधिक बड़ जाती है.
वहीं ज्वालामुखी के फटने से उस क्षेत्र में बहुत दिनों तक बारिश होने और बिजली कड़कने की घटनाएं होती रहती हैं. जिससे वहां रहने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.