एयरपोर्ट के रनवे पर क्यों लिखे होते हैं इतने बड़े-बड़े नंबर, आखिर क्या है उनका मतलब
अगर किसी रनवे पर नंबर 27 लिखा है, तो इसका मतलब है कि यह रनवे 270° चुंबकीय दिशा में स्थित है. रनवे के विपरीत छोर पर नंबर हमेशा 180° अलग होता है. यानी रनवे 27 के विपरीत छोर का नंबर 09 होगा.
पायलट इस नंबर को देखकर तुरंत निर्णय ले सकते हैं कि कौन सा छोर इस्तेमाल करना है. ये नंबर पायलटों के लिए सिर्फ दिशा ही नहीं बताते, बल्कि हवाई यातायात नियंत्रकों (ATC) के लिए भी मददगार होते हैं.
हर रनवे को मानकीकृत प्रणाली के अनुसार नंबर दिए जाते हैं ताकि किसी भी एयरपोर्ट पर पायलट तुरंत समझ सके कि उन्हें किस दिशा से उतरना या उड़ना है.
यह प्रणाली पूरी दुनिया में समान है और इसे ICAO (International Civil Aviation Organization) के नियमों के तहत लागू किया गया है.
रनवे के नंबर समय के साथ बदल सकते हैं. इसका कारण है पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुव का धीरे-धीरे स्थान बदलना. अगर चुंबकीय दिशा बदल जाती है, तो रनवे के नंबर को अपडेट किया जाता है ताकि वे हमेशा सही दिशा दर्शाते रहें.
इसके अलावा, चूंकि हर रनवे को दोनों दिशाओं से इस्तेमाल किया जा सकता है, इसलिए हर रनवे पर दो नंबर लिखे जाते हैं.
ये सरल दिखने वाले नंबर हवाई सुरक्षा की रीढ़ हैं. टेकऑफ या लैंडिंग के दौरान पायलट को सेकंडों में निर्णय लेने होते हैं और रनवे नंबर इसे आसान बनाते हैं. यह प्रणाली आधुनिक एयरोनॉटिक्स और एयरपोर्ट संचालन का एक अहम हिस्सा है.