अंतरिक्ष से ज्यादा रहस्यमय क्यों है समुद्र? जानिए गहराई में उतरने की मुश्किलें
बता दें कि एक्सपर्ट अक्सर ये बात मानते हैं कि समुद्र की गहराई को मापना अंतरिक्ष में जाने से कहीं ज्यादा रहस्यों से भरा और कई गुना ज्यादा खतरनाक है. इसके पीछे कई कारण हैं.
आप समुद्र और स्पेस के चैलेंज को ऐसे समझ सकते हैं कि अब तक 12 एस्ट्रोनॉट्स कुल 300 घंटे चंद्रमा की जमीन पर बिता चुके हैं. जिसकी दूरी पृथवी से लगभग 4 लाख किलोमीटर है. लेकिन वहीं समुद्र के सबसे गहरे तल पर अब तक सिर्फ 3 लोग 3 घंटे ही बीता सके हैं.
बता दें कि वुड्स होल ओशनग्राफिक के मुताबिक समंदर की औसत गहराई करीब 12 हजार फीट है. वहीं इसके सबसे गहरे हिस्से को चैलेंजर डीप कहते हैं. ये जगह प्रशांत महासागर नीचे मारियाना ट्रेंच के दक्षिणी छोर पर है.
वहीं ये लगभग 36 हजार फीट गहरा है. साल 1875 में पहली बार इसका पता लगा चला था, लेकिन कोई इसके करीब नहीं पहुंच सका है.स्पेस की तुलना में समुद्र में जाना इसलिए भी खतरनाक है. क्योंकि समुद्र में जैसे-जैसे नीचे जाते हैं, गहराई बढ़ने के साथ प्रेशर भी बढ़ जाता है. वहीं अंतरिक्ष में दबाव जीरो होता है.
समुद्र के नीचे गहराई इतनी ज्यादा होती है कि यहां बिल्कुल अंधेरा होता है. वहीं समुद्र के नीचे चैलेंजर डीप का तापमान फ्रीजिंग पॉइंट से कुछ ही कम होता है. इस जगह जाने के बाद भी लोगों को ये पता नहीं लग सका कि यहां जीवन है या नहीं. क्योंकि सी-एनिमल्स भी वहीं रहते हैं, जहां रोशनी होती है.