Monsoon Season: बारिश की बूंदें क्यों होती हैं गोल? क्या है इसके पीछे का साइंस
मानसून आने के साथ ही बारिश की शुरूआत हो चुकी है. बारिश के दौरान आपने गौर किया होगा कि आसमान से बूंद जमीन पर गिरती है, उसका आकार गोल होता है. हालांकि जमीन पर बूंद गिरने के बाद वो फैल जाता है.
बारिश और ओंस को आपने देखा होगा. ये हमेशा गोल ही दिखाई देता हैं. हालांकि जब हम पानी को किसी भी बर्तन में डालते हैं, तो वह उसी में ढल जाता है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर बारिश की बूंदें गोल ही क्यों होती हैं.
आज हम आपको बताएंगे कि बारिश की बूंदों के गोल होने के पीछे का साइंस क्या है. क्यों बारिश की बूंदें गोल ही होती है, ये किसी और आकार की क्यों नहीं होती है.
बता दें कि पानी की बूंदों के गोल होने का कारण पृष्ठ तनाव है. हालांकि पानी जिस बर्तन या पात्र में रखा जाता है, उसका आकार ले लेता है. लेकिन जब वह स्वतंत्र रूप से गिरता है, उस समय पानी की बूंद न्यूनतम आकार ग्रहण करने की कोशिश करती है, जिसकी वजह से बारिश की बूंदें गोल हो जाती है.
वहीं गुरुत्वाकर्षण की दृष्टि से गोलाकार सबसे न्यूनतम आकार होता है. जैसे-जैसे पानी की बूंद का आकार छोटा होता है, वह गोल होती जाती है.
बता दें कि सिर्फ बारिश का पानी ही गोल नहीं दिखता है.बल्कि ऊंचाई से गिरने वाला कोई भी द्रव जैसे-जैसे पृथ्वी के नजदीक आता है, वो बूंदों में बदल जाता है. इसलिए पानी के बूंदों का आकार पृष्ठ तनाव के कारण हमेशा गोल होता है.