Human Dog Bond: कुत्ते क्यों हैं इंसान के सबसे अच्छे दोस्त, जानें क्या है इस गहरी दोस्ती के पीछे का कारण?
इंसानों और कुत्तों का रिश्ता लगभग 15000 से 30000 साल पुराना है. उस समय शुरुआती इंसानों ने भेड़ियों को पालतू बनाया था. भेड़िए धीरे-धीरे कुत्तों में बदल गए और उन्होंने इंसानों के साथ रहना सीख लिया. इसी के साथ उन्होंने शिकार में इंसानों की मदद की और साथ ही रखवाली भी की. इस लंबे साथ ने दोस्ती को कुत्ते के डीएनए में शामिल कर दिया.
कुत्ते ऐसी वफादारी दिखाते हैं जो आम दुनिया में काफी कम देखने को मिलती है. वे इंसानों को सफलता या दौलत के आधार पर जज नहीं करते. चाहे उनके मालिक अमीर हो या फिर गरीब कुत्ते हमेशा वफादार बने रहते हैं.
वैज्ञानिक स्टडीज से यह पता लगा है कि कुत्ते इंसानों के चेहरे के हाव-भाव, आवाज की टोन और बॉडी लैंग्वेज को काफी सटीकता के साथ पढ़ सकते हैं. ये महसूस कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति कब दुखी, परेशान या फिर तनाव में है. ऐसी स्थिति में वे अक्सर पास रहकर, मलिक के ऊपर सिर रखकर या फिर चुपचाप उनके पास बैठकर उनका साथ देते हैं.
जब भी इंसान कुत्तों के साथ बातचीत करते हैं, उन्हें सहलाते हैं या फिर खेलते हैं तो दोनों में ऑक्सीटोसिन निकलता है. यह आमतौर पर लव हार्मोन के नाम से जाना जाता है. यह वही हार्मोन होता है जो माता-पिता और बच्चों के बीच बॉन्डिंग के लिए जिम्मेदार होता है.
पुराने गांवों से लेकर आज के शहरों तक कुत्तों ने गार्ड और रक्षक के रूप में काम किया है. उन्होंने अलार्म या फिर सिक्योरिटी सिस्टम के आने से बहुत पहले ही इंसानों को शिकारी, अजनबियों और खतरों के बारे में चेतावनी देनी शुरू कर दी थी. आज भी कुत्ते पुलिस फोर्स, सेना, आपदा बचाव टीम और गार्ड डॉग के तौर पर काम करते हैं.
कुत्ते मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं. स्टडीज से पता चला है कि जो लोग कुत्तों के साथ रहते हैं उनमें तनाव का लेवल कम होता है और अकेलापन भी कम महसूस होता है.