1000 साल पहले कैसे पानी पर बसाया गया इटली का शहर वेनिस, जहां पीने के साफ पानी की किल्लत
इटली का यह शहर असल में किसी चमत्कार से कम नहीं है. किसी सामान्य शहर की तरह यहां पर सड़कों का कोई अस्तित्व नहीं है. इस पूरे शहर को ही पानी पर बसाया गया है और सालों से यह पानी पर ही तैर रहा है.
इस शहर में आवागमन का साधन पानी पर ही है. यहां पर सड़कों का तो नामोनिशां तक नहीं है. यहां ठोस जमीन ही नहीं है और न ही पीने के लिए साफ पानी है.
इसके बावजूद वेनिस में लोग रहते हैं और यह यूरोप के सबसे शक्तिशाली शहरों में से एक है. वेनिस को बसाने की कहानी कुछ यूं है कि एक बार एक शख्स ने गलती से चप्पू को जमीन में गाड़ा तो पता चला कि वो जमीन में जाने के बाद ठोस हो गया है. बस यही वेनिस का आधार था.
यहीं से इस बात का पता चला कि अगर पानी के नीचे लकड़ी गाड़ो तो वह मजबूत हो जाती है. तब क्रोएशिया के जंगलों से मजबूत पेड़ों के मोटे तने काटे गए और उनको जमीन में गाड़ दिया गया. करीब पांच मीटर गहराई तक दलदली जमीन में तनों को गाड़ दिया गया.
इसके बाद उन्ही के ऊपर लकड़ी के तख्ते बिछाए गए और उन पर पत्थरों के बड़े टुकड़े रखे गए. इस तरह से इस शहर की नींव तैयार हुई. इसके बाद इस शहर पर इमारतें बनाई गईं और अधिकतम ऊंचाई तीन मंजिल रखी गई, जिससे कम वजन रहे.
वेनिस में जब लोग स्थाई रूप से रहने लगे तो पुल की भी जरूरत लगी, ऐसे में पहला पुल बना रियाल्टो में. कहते हैं कि इसको बनाने के लिए लकड़ी के 12000 तने गाड़े गए थे. उसके ऊपर 10,000 टन वजन के पत्थरों का आर्च बना.
समुद्र के खारे पानी पर बसे इस शहर में पीने के पानी की बहुत किल्लत थी. शुरुआत में तो ड्रमों में पानी भरकर लाया जाता था. लेकिन बाद में गहरे गड्ढे खोदकर उसमें बारिश के पानी को फिल्टर किया जाने लगा.