CM और राज्यपाल में से कौन होता है अधिक पावरफुल?
राज्यपाल को भारतीय संविधान के अनुसार राज्य के सरकारी नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करने का कार्य होता है. उनकी प्रमुख कार्याधिकारी शक्तियां राज्य सरकार के निर्णयों को स्वीकृति देने और केंद्र सरकार की दिशा में राज्य को निर्देशित करने में होती हैं.
राज्यपाल के पास विशेष ऑब्जरवेशन और सलाहकारी भूमिका होती है, लेकिन वे निर्णय लेने में परंपरागत रूप से सरकारी मंज़ूरी की आवश्यकता होती है.
वहीं, मुख्यमंत्री राज्य के नेतृत्व का सीधा व्यक्ति होते हैं जो चुनी गई विधानसभा के बहुमत के आधार पर अपने पद पर आते हैं. उनका कार्यक्षेत्र विभागों के संचालन, नीतियों का प्रस्तावन और सरकारी नीतियों के लिए निर्णय लेना होता है.
मुख्यमंत्री की प्रमुख शक्तियां सरकार के कार्यकाल में नीतियों को प्रभावी तरीके से लागू करना और विकास की योजनाओं का निर्धारण करना होती है.
इस प्रकार, दोनों पदों के पास अपनी विशेष शक्तियां और कार्यक्षेत्र होते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को निर्णय लेने और राज्य के विकास की योजना बनाने में अधिक अधिकार होते हैं.