Country Closest to Space: कौन सा देश स्पेस से है सबसे करीब, जानें अंतरिक्ष से कितना है यह पास
इक्वाडोर की अंतरिक्ष का सबसे निकट होने के पीछे की वजह पृथ्वी का भूमध्यरेखीय उभार है. पृथ्वी के रोटेशन की वजह से भूमध्य रेखा थोड़ा बाहर की तरफ धकेलती है. इससे जमीन और पृथ्वी के केंद्र के बीच एक अतिरिक्त दूरी बढ़ जाती है. क्योंकि इक्वाडोर इस उभार पर बसा हुआ है इसलिए इस क्षेत्र के पर्वत बाकी जगह के पर्वतों की तुलना में अंतरिक्ष में ज्यादा दूर तक फैले हुए हैं.
वैसे तो माउंट एवरेस्ट समुद्र तल से 8848 मीटर ऊंचा है लेकिन यह भूमध्य रेखा से दूर है. 6263 मीटर ऊंचा माउंट चिम्बोराजो भूमध्य रेखा उभार पर बसे होने की वजह से अंतरिक्ष से लगभग 2 किलोमीटर ज्यादा पास है. यही वजह है कि इस पहाड़ के शिखर पर पहुंचने वाले पर्वतारोही तकनीकी रूप से पृथ्वी के केंद्र से सबसे ऊंचे बिंदु पर खड़े होते हैं.
अंतरिक्ष आधिकारिक तौर पर कार्मन रेखा नाम की एक काल्पनिक सीमा से शुरू होता है. यह समुद्र तल से 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित होती है. यह वह ऊंचाई होती है जहां पृथ्वी का वायुमंडल विमान उड़ान के लिए पतला हो जाता है और गति के लिए अंतरिक्ष यान के इंजन पर निर्भर रहना पड़ता है. हालांकि चिम्बोराजो इस ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाता लेकिन भूमध्यरेखीय उभार की वजह से पृथ्वी की सतह पर यही वह बिंदु है जो उस सीमा की तरफ सबसे दूर तक फैला हुआ है.
इक्वाडोर भूमध्य रेखा पर बसा हुआ है जो इसे एक अलग ही फायदा देता है. आसान शब्दों में भूमि, पहाड़ और यहां तक की वहां खड़े लोग, स्वाभाविक रूप से अंतरिक्ष के सबसे निकट हैं.
चिम्बोराजो एक ज्वालामुखी है और इक्वाडोर का सबसे ऊंचा पर्वत भी है. प्राचीन विस्फोटों और प्राकृतिक अपरदन से बनी इसकी छोटी ऊपर की तरफ उस बिंदु तक फैली हुई है जहां पृथ्वी का रेडियस अपने अधिकतम स्तर पर है.
चिम्बोराजो पहाड़ और माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना पूरी तरह से एक अलग ही चुनौती है. चिम्बोराजो पहाड़ पर चढ़ने वाले पर्वतारोही तकनीकी रूप से अंतरिक्ष के करीब हो सकते हैं लेकिन सबसे ज्यादा ऊंचाई, कम ऑक्सीजन और कठोर मौसम की वजह से एवरेस्ट अभी भी सबसे ज्यादा कठिन और खतरनाक है.