कहां है हमारे सौरमंडल का अंतिम छोर? जान लीजिए आज
वहीं सौरमंडल का अंतिम छोर आमतौर पर हेलियोपॉज के रूप में जाना जाता है. ये वो जगह है जहां सूर्य की सौर हवा की ताकत अन्य तारे की सौर हवा के साथ मिलती है. हेलियोपॉज, सूर्य से लगभग 120 AU (अस्ट्रोनॉमिकल यूनिट) की दूरी पर स्थित है. एक AU पृथ्वी और सूर्य के बीच की औसत दूरी के बराबर होता है, जो लगभग 93 मिलियन मील या 150 मिलियन किलोमीटर है.
हेलियोपॉज हमारे सौरमंडल का एक जरुरी क्षेत्र है. यह वो सीमा है जहां सौर हवा का प्रवाह खत्म होता है और अंतरतारकीय स्थान की स्थितियां शुरू होती हैं.
यहां सौर कणों का दबाव बाहरी अंतरिक्ष से आने वाले कणों के साथ संतुलित हो जाता है. यह क्षेत्र अध्ययन के लिए बहुत जरुरी है क्योंकि यह हमें यह समझने में मदद करता है कि हमारे सौरमंडल का प्रभाव दूसरे तारों के साथ कैसे जुड़ता है.
हेलियोपॉज के पार, हम अंतरतारकीय स्थान में पहुंचते हैं. यह क्षेत्र सौरमंडल की सीमाओं से बाहर है और इसमें अन्य तारों और उनकी सौर प्रणालियों का अस्तित्व है. अंतरतारकीय स्थान में गहरे स्थान पर जाना एक चुनौती है, क्योंकि यहां की परिस्थितियां बहुत अलग हैं, जैसे कि भौतिक कणों की संख्या कम होना और विकिरण का स्तर अधिक होना.
NASA और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों ने हेलियोपॉज और अंतरतारकीय स्थान के अध्ययन के लिए कई मिशन भेजे हैं. उदाहरण के लिए, वॉयेजर 1 और वॉयेजर 2 अंतरिक्ष यान ने सौरमंडल की सीमाओं को पार किया है और हेलियोपॉज में प्रवेश किया है. इन यानों ने हमें इस क्षेत्र के बारे में कई जरुरी जानकारी दी है.