Snakes Winter Behavior: ठंड आते ही कहां गायब हो जाते हैं सांप, कैसे बदल जाता है इनका व्यवहार
जब सर्दियां शुरू होती हैं तो सांप गिरते तापमान और छोटे दिनों की वजह से ब्रूमेशन में चले जाते हैं. यह स्तनधारियों की तरह पूरी तरह से शीतनिद्रा नहीं है, बल्कि इस अवधि के दौरान सांप उस धीमी अवस्था में चले जाते हैं जहां उनका मेटाबॉलिज्म लगभग रुक जाता है. इस दौरान सांप ज्यादा नहीं खाते और उनकी सांसें भी धीमी हो जाती हैं. ब्रूमेशन के दौरान में बिना भोजन के लंबे समय तक जीवित रहते हैं, ठंड को सहते हैं और लगभग निष्क्रिय रहने में सक्षम होते हैं.
सांप अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए बाहरी गर्मी पर ही निर्भर होते हैं. इस वजह से ठंड उन्हें काफी ज्यादा धीमा कर देती है. सांप की मांसपेशियों में लचीलापन कम हो जाता है. इस वजह से उनका हिलना डुलना भी मुश्किल हो जाता है. यही वजह है की सक्रिय रहने की कोशिश में अपनी ऊर्जा को बर्बाद करने के बजाय सांप आराम करना ज्यादा पसंद करते हैं.
सर्दियों के पूरी तरह आने से पहले सांप सुरक्षित और स्थिर घर की तलाश में निकल पड़ते हैं. वे ऐसे आश्रय को तलाशते हैं जहां पर तापमान स्थिर रहे. इसके लिए वे भूमिगत बिल, चट्टानों के बीच की दरारें, पुराने दीमक के टीले या फिर खोखले पेड़ के तने तलाशते हैं. ऐसी जगह उन्हें न सिर्फ ठंड से बल्कि शिकारी और पाले से भी बचाती हैं.
कुछ प्रजातियों में खासकर गार्टर स्नेक और रैटल स्नेक, एक साथ सैकड़ो सांप एक ही शीतनिद्रा स्थल को साझा कर सकते हैं. इसे हाइबरनेकुलम कहा जाता है. एक साथ इकट्ठा होने पर उन्हें शरीर की गर्मी बनाए रखने में मदद मिलती है और उनके जीवित रहने की संभावना भी काफी ज्यादा बढ़ जाती है.
जब सर्दियों के बीच में कुछ गर्म दिन आते हैं तो ये सांप धूप सेकने के लिए अपने आश्रयों से बाहर निकल आते हैं. इससे उनका शरीर थोड़े समय के लिए ही सही लेकिन गर्म हो जाता है.
जैसे-जैसे वसंत लौटता है और जमीन गर्म होने लगती है तो सांप धीरे-धीरे अपने ब्रूमेशन से बाहर आने लगते हैं. इसके बाद वे और भी ज्यादा सतर्क और भूखे हो जाते हैं. शुरुआती हफ्ते काफी ज्यादा जरूरी होते हैं क्योंकि इस दौरान वे शिकार करते हैं और अपनी पुरानी त्वचा को उतारना शुरू कर देते हैं.