प्लेन में कब-कब खोलना होता है खिड़की का शटर, ये नियम नहीं जानते होंगे आप
बहुत लोग सोचते होंगे कि फ्लाइट के उतरते या टेकऑफ के वक्त हम बाहर का नजारा देख सकें, इसके लिए ही फ्लाइट की खिड़कियां खुलवाई जाती हैं. लेकिन क्या सच में ऐसा होता है.
प्लेन में टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान सबसे ज्यादा खतरा होता है. ऐसे में खिड़की के शटर खुले रहते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इमरजेंसी की स्थिति में बाहर का हाल पता चलना चाहिए.
अगर उड़ान भरे वक्त या फिर लैंडिंग के वक्त कोई गड़बड़ी हो जाए या फिर इंजन में आग लग जाए तो ऐसी स्थिति में बाहर देखना जरूरी हो जाता है.
अगर पर्दे खुले हों तो अंदर बैठे यात्री या केबिन क्रू देख सकते हैं कि बाहर क्या हो रहा है. इससे यह देखने में मदद मिलती है कि प्लेन से बाहर किस तरफ से निकलना है.
अगर प्लेन के एक तरफ आग लगी है तो फिर इसके दूसरी तरफ से यात्रियों को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला जा सकता है. प्लेन की खिड़की खोलने की एक वजह यह भी है कि आंखों को बाहर की रोशनी के हिसाब से तैयार किया जाता है.
इसके अलावा इमरजेंसी की स्थिति में बाहर निकलने पर हम सब कुछ साफ तरीके से देख सकते हैं और तेजी से आगे की ओर बढ़ सकते हैं.
प्लेन में टेकऑफ और लैंडिंग के वक्त, आपातकालीन निकासी के दौरान व सुरक्षा के लिए प्लेन की खिड़की को खुला छोड़ा जाता है.